एनजीओ के जरिए बांग्लादेश से भारत भेजी लड़कियां, पांच हजार से ज्यादा लड़कियों की खरीद- फरोख्त दोषी गिरफ्तार
देह व्यापार से अर्जित कमाई हवाला और हुंडी के माध्यम से बांग्लादेश भिजवाई जा रही थी। मामून सालों से लड़कियां सप्लाय कर रहा था लेकिन हमेशा पर्दे के पीछे ही रहा। आरोपित को पकड़ने के लिए एसआइटी का गठन कर आपरेशन तलाश नाम रखा गया टीम मुंबई भेजी।
इंदौर, जेएनएन । बांग्लादेश के कछारीपारा में रहने वाली जौशना महिला उत्थान के लिए एनजीओ चलाती है। वह एनजीओ की आड़ में गरीब और मजबूर लड़कियां चिन्हित घरेलू काम व पार्लर में काम के बहाने भारतीय सीमा में मामून सुपुर्द कर देती थी। पांच हजार से ज्यादा लड़कियों की खरीद फरोख्त में गिरफ्तार विजय दत्त उर्फ मामनूर उर्फ मामून पत्नी जौशना के जरिए लड़कियां खरीदता था। आरोपित उनके फर्जी आइडी कार्ड तैयार कर देश के विभिन्न शहरों में सक्रीय दलालों के पास भिजवा देता था। पूछ-ताछ में बताया कि उसके करीब 500 दलाल तैयार हो चुके है जिसमें कई शहरों की कमान लड़कियों के हाथों में है।
एसपी के मुताबिक मामून के साथ दलाल उज्जवल ठाकुर, प्रमोद पाटीदार, बबलू उर्फ पलास सरकार,दिलीप सावलानी व रजनी वर्मा, नेहा उर्फ निशा, दीपा और अकिजा को भी गिरफ्तार किया है। पूछ-ताछ में बताया चेन्नई, सूरत और इंदौर में लड़कियां फ्रेंचाइजी के रूप में काम कर रही थी। एसपी के मुताबिक मामून उर्फ मामनूर बांग्लादेशी है। करीब 25 साल पूर्व बांग्लादेश में साम्प्रदायिक दंगा होने पर कृष्णघाट नादिया (पश्चिम बंगाल) आया और धान के खेतों में काम करने लगा। कुछ साल बाद वह मुंबई पहुंच गया और होटल में नौकरी शुरू कर दी। इसी दौरान देह व्यापार में लिप्त रुबी नामक महिला से परिचय हुआ और दलाली करने लगा। इस धंधे में कमाई होने पर मामून जौशुर (बांग्लादेश) के दलाल बख्तियार और शबाना के जरिए लड़कियां खरीदने लगा।
मालूम हो कि उसने जौशना को भी धंधे के बारे में बताया और कमजोर, गरीब और मजबूर लड़कियां भारत भेजने की सलाह दी। जौशना कथित एनजीओ (महिला उत्थान) की आड़ में गांव-गांव घुमकर लड़कियों को तैयार कर अवैध रुप से भारतीय सीमा में प्रवेश दिलाने का काम करने लगी। बांग्लादेश में गरीबी होने से मामून और जौशना 50 से 70 हजार रुपये में लड़की खरीद लेते थे। कुछ ही समय में मामून ने मुंबई, पुणे, पालघर, जयपुर, उदयपुर, बैंगलुरु, हैदराबाद, सूरत, अहमदाबाद, चेन्नई, जबलपुर, खंडवा, भोपाल, पीथमपुर, धामनोद, राजगढ़, इंदौर सहित कई शहरों में 500 से ज्यादा दलालों का नेटवर्क तैयार कर लिया। वह दलालों के जरिए फोन पर लड़कियां उपलब्ध करवा देता था कमिशन सीधे उसके खातों में जमा होता था।
देह व्यापार से अर्जित कमाई हवाला और हुंडी के माध्यम से बांग्लादेश भिजवाई जा रही थी। आइजी के मुताबिक मामून सालों से लड़कियां सप्लाय कर रहा था लेकिन हमेशा पर्दे के पीछे ही रहा। आरोपित को पकड़ने के लिए एसआइटी का गठन कर आपरेशन 'तलाश' नाम रखा गया, टीम मुंबई भेजी। नाला सुपारा क्षेत्र में एक रूम किराये से लिया और देह व्यापार में लिप्त दलालों से कहा कि वह उप्र से लड़की (एसआइ) लेकर आए हैं।
मराठी में बात करने पर कुलदीप व भरत पर भरोसा कर दलालों ने विजय से मीटिंग तय करवा दी। विजय कभी सामने नहीं आता और बगैर इंटरनेट वाला मोबाइल का उपयोग करता था। उसने एसआइ को लाल रंग के वस्त्रों में बुलाया और बगैर मिले चला गया। मुखबिर ने बताया नाला सुपारा पुलिस चौकी वालों ने उसे तलाशा था इसलिए शक हो गया। पुलिस ने उसकी लोकेशन निकाली तो पता चला मामून इंदौर आ गया है। हालांकि इस दौरान उसका असली नाम और एक वीडियो मिल गया। एसपी ने एसआइटी प्रभारी को टास्क सौंपा और कालिंदी गोल्ड सिटी से उज्जवल के घर से दबोच लिया।