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Madhya Pradesh: ट्रेन से फेंकी गई यूपी के बांदा की युवती को तीन दिनों में नहीं मिला इलाज

Madhya Pradesh ट्रेन से फेंकी गई बांदा की युवती को तीन दिनों में मिला इलाज नहीं मिला। पीड़िता ने बताया कि जब ट्रेन चली तो एक युवक बगल में आकर बैठ गया और गलत हरकत करने लगा। इसका उसने विरोध किया था।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 01 May 2022 09:32 PM (IST)Updated: Sun, 01 May 2022 09:32 PM (IST)
ट्रेन से फेंकी गई बांदा की युवती को तीन दिनों में नहीं मिला इलाज। फाइल फोटो

ग्वालियर, जेएनएन। दुष्कर्म करने में नाकाम युवक ने उत्तर प्रदेश (यूपी) के बांदा की रहने वाली युवती को 27 अप्रैल बुधवार को चलती ट्रेन से फेंक दिया था। घायल अवस्था में पहले उसे छतरपुर के जिला अस्पताल में रखा गया। इसके बाद शनिवार को उसे मध्य प्रदेश में ग्वालियर के जेएएच (जयारोग्य अस्पताल) में रेफर कर दिया गया। युवती को न तो छतरपुर में इलाज मिला और न ही ग्वालियर में डाक्टरों ने देखभाल की। इलाज के नाम पर सिर्फ जांच ही गई। युवती के जख्मों में मवाद न पड़ जाए, इसलिए स्वजन पानी में भिगोकर पट्टियां रख रहे हैं। लापरवाही की हद तो यह हो गई कि घायल युवती का यूरिन बैग भी नहीं बदला गया।

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जानें, क्या है मामला

जेएएच के कमलाराजा अस्पताल में भर्ती पीड़िता ने बताया कि वह पिछले नौ महीनों से हर सोमवार को ट्रेन से बाघेश्वर धाम जाती थी। बुधवार को वापस घर लौट आती थी। दुरियागंज स्टेशन से वह महोबा- खजुराहो पैसेंजर से बांदा के लिए रवाना हुई थी। ट्रेन चार बजे खजुराहो पहुंची, जहां से सवा पांच बजे महोबा के लिए रवाना हुई। खजुराहो में ट्रेन पूरी तरह से खाली हो गई थी। पीड़िता ने बताया कि जब ट्रेन चली तो एक युवक बगल में आकर बैठ गया और गलत हरकत करने लगा। उसने विरोध किया और वहां से उठकर दूसरे कोच में जाकर बैठ गई। युवक वहां पर भी आ गया और उसके साथ जबरदस्ती करने लगा। तब वह लड़ती झगड़ती एक के बाद एक छह कोच में भागदौड़ करती रही। कोच में एक भी सवारी नहीं थी, तब आरोपित का हाथ उसने दांतों से काट लिया। युवक ने उससे जबरदस्ती करते हुए कहा कि यदि वह राजी नहीं हुई तो ट्रेन से नीचे फेंक देगा और आरोपित ने उसे बाल पकड़कर ट्रेन से नीचे फेंक दिया। गिरते समय वह गेट से लटक गई, जिससे उसके शरीर का आधा हिस्सा बुरी तरह से छिल गया। तब आरोपित ने लटकते समय सिर में लातें मारीं तो उसके हाथ हैंडल छूट गया और वह नीचे रेलवे ट्रैक पर गिरकर बेहोश हो गई।

नौकरी की तलाश में बाघेश्वर धाम जा रही थी पीड़िता

घटना के दूसरे दिन छतरपुर के अस्पताल में पीड़िता को होश आया। तब तक उसके स्वजन अस्पताल पहुंच गए थे। यहां डाक्टर ने हाथ व पैर में कच्चा प्लास्टर चढ़ा दिया। पीठ व नीचे के जिन हिस्सों में रगड़ने से त्वचा छिल चुकी थी, वहां पट्टी तक नहीं की गई। 24 वर्षीय युवती ने समाज शास्त्र में एमए किया है। वह सात भाई बहनों में चौथे नंबर की है। उसके पिता का 2014 में देहांत हो चुका है, इसलिए पूरे घर की जिम्मेदारी उसी के कंधों पर है। वह नौकरी की तलाश कर रही थी। इसीलिए वह हर सोमवार को बाघेश्वर धाम जाती थी।

जल्द पकड़ा जाएगा आरोपित

आरोपित टीकमगढ़ का रहने वाला है, जिसका फोटो मिल चुका है। उसे जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।

-आलोक सिंह, कमांडेंट आरपीएफ। 


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