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Madhya Pradesh: जमानती वारंट पर मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कोर्ट में तलब

Madhya Pradesh मप्र के पूर्व सीएम व राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह को आरएसएस व भाजपा के खिलाफ गलत बयान देने के मामले में कोर्ट ने जमानती वारंट जारी कर तलब किया है। दिग्विजय के खिलाफ मानहानि का केस लंबित है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 29 Aug 2022 09:20 PM (IST)Updated: Mon, 29 Aug 2022 09:20 PM (IST)
Madhya Pradesh: जमानती वारंट पर मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कोर्ट में तलब
जमानती वारंट पर मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कोर्ट में तलब। फाइल फोटो

ग्वालियर, जेएनएन। Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में ग्वालियर के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट महेंद्र सैनी ने पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) को आरएसएस (RSS) व भाजपा (BJP) के खिलाफ गलत बयान देने के मामले में जमानती वारंट जारी कर 24 सितंबर को तलब किया है। दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का केस लंबित है।

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मानहानि का केस दायर

अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) व भाजपा के खिलाफ गलत बयान देने को लेकर दिग्विजय सिंह पर मानहानि का केस दायर किया है। उनकी ओर से तर्क दिया गया कि 31 अगस्त, 2019 को दिग्विजय सिंह ने भिंड के एक राजनीतिक कार्यक्रम में कहा था कि एक बात मत भूलिए, जितने भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पाए गए हैं, वह भाजपा, आरएसएस व बजरंग दल से पैसे ले रहे हैं। एक बात और बताता हूं कि पाकिस्तान की जासूसी संस्था आइएसआइ के लिए जासूसी मुसलमान कम कर रहे हैं, उससे ज्यादा गैर मुसलमान ज्यादा कर रहे हैं।

इसलिए वारंट पर किया तलब

इसी बयान को आधार मानते हुए दिग्विजय सिंह पर मानहानि का दावा पेश किया गया है। कोर्ट ने दिग्विजय सिंह को तलब किया था, लेकिन वह जवाब देने के लिए नहीं आए। इसे लेकर भदौरिया ने तर्क दिया कि बिना वाजिब कारण के बार-बार समय दिया जाना उचित नहीं है। इसलिए वारंट पर तलब किया जाए। कोर्ट ने 24 सितंबर को जमानती वारंट पर उन्हें तलब किया है। 

गौरतलह है कि गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने पर पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था कि उन्होंने पार्टी को धोखा दिया है। कांग्रेस ने उन्हें सब कुछ दिया। यह सब उन्होंने उस समय किया, जब सोनिया गांधी उपचार के लिए विदेश गई हैं। उन्होंने कहा कि मैं और गुलाम नबी आजार एक साथ राजनीति में आए। 1977 में उन्होंने कश्मीर में विधानसभा का चुनाव लड़ा पर जमानत जब्त हो गई। पार्टी ने उन्हें अखिल भारतीय युवा कांग्रेस का महामंत्री और अध्यक्ष बनाया। हमारे अच्छे संबंध रहे हैं पर मुझे इस बात का दुख है कि जिस पार्टी ने उन्हें सब-कुछ दिया, उसे उन्होंने धोखा दिया। जम्मू-कश्मीर से चुनाव नहीं जीत पाते थे तो पार्टी ने महाराष्ट्र से जितवाया। दो बार लोकसभा और 30 साल राज्य सभा सदस्य बनाया। मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री बनाया।


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