Move to Jagran APP

Madhya Pradesh: निवेशकों के 80 करोड़ ठगने वाली कंपनी के खिलाफ ईडी ने शुरू की जांच

Madhya Pradesh चिटफंड कंपनी के खिलाफ 80 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में ईडी ने जांच शुरू कर दी है। कंपनी प्रबंधन में डायरेक्टर के रूप में प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव का नाम भी शामिल है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 08:45 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 08:45 PM (IST)
निवेशकों के 80 करोड़ ठगने वाली कंपनी के खिलाफ ईडी ने शुरू की जांच। फाइल फोटो

रायसेन, जेएनएन। मध्य प्रदेश के चार जिलों में सक्रिय रही चिटफंड कंपनी श्रद्धा सबुरी कमोडिटी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ 80 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच शुरू कर दी है। कंपनी प्रबंधन में डायरेक्टर के रूप में प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव का नाम भी शामिल है। हालांकि अभिषेक को कोर्ट ने 50 हजार रुपये मुचलका व 20 लाख रुपये की गारंटी जमा करने के बाद अग्रिम जमानत दे दी थी। जबकि कंपनी के प्रबंधक बसंत उपाध्याय, मैनेजिंग डायरेक्टर नितिन बालेचा व अन्य कर्मचारी जितेंद्र सिंह चौहान, पंकज कुमार व दीपक गावा जेल में हैं। पुलिस के अनुसार, बसंत उपाध्याय छोटी-छोटी बचत रीयल बाजार नामक संस्था में जमा करवाता था। पुलिस रिकार्ड में बसंत उपाध्याय को मुखर्जी नगर रायसेन निवासी बताया गया है। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का रहने वाला है और करीब तीस साल पहले रायसेन आ गया था।

loksabha election banner

जानें, क्या है मामला

बसंत उपाध्याय ने वर्ष 2015 में हरियाणा के सिरसा की राम कालोनी बरनाला रोड निवासी नितिन बालेचा व कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर श्रद्धा सबुरी कमोडिटी प्राइवेट लिमिटेड नामक चिटफंड कंपनी बनाई। रायसेन, विदिशा, भोपाल व सागर के करीब 400 लोगों के 80 करोड़ रुपये निवेश करवाने के बाद कर्ता-धर्ता फरार हो गए। पुलिस ने दिलीप कुमार कोष्टा की शिकायत पर बसंत उपाध्याय व नितिन बालेचा के खिलाफ 30 सितंबर, 2015 को धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया। जिला न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के दौरान बसंत उपाध्याय व अन्य गवाहों के बयान के आधार पर अभिषेक भार्गव व अन्य लोगों को आरोपित बनाते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। अभिषेक पहले हाई कोर्ट जबलपुर गए बाद में जिला न्यायालय में 27 सितंबर, 2016 को पेश हुए। न्यायालय ने उन्हें 50 हजार के मुचलका व 20 लाख रुपये गारंटी के बाद जमानत दे दी। जबकि अन्य आरोपितों को न्यायालय ने जेल भेज दिया।

मंत्री के पुत्र ने कहा, मेरा इस मामले में कोई लेना-देना नहीं

मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव ने कहा कि मेरा इस मामले में कोई लेना-देना नहीं है। जब इसमें मेरा नाम शामिल किया गया था, तब हमने हाई कोर्ट, जबलपुर की शरण ली थी। वहां से निर्णय सुनाया जा चुका है और मेरा नाम कहीं नहीं है। रायसेन कोर्ट में प्रकरण चल रहा है। ईडी की जांच को लेकर मुझसे किसी ने संपर्क नहीं किया है।

ईडी ने मांगी जानकारी

रायसेन के पुलिस अधीक्षक विकाश कुमार शाहवाल ने कहा कि तीन माह पूर्व ईडी से इस मामले की जानकारी मांगी थी। हमने उसे जानकारी दे दी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.