Madhya Pradesh: दिग्विजय सिंह की भाजपा को चुनौती, मुझसे बेहतर कोई हिंदू हो तो बताए
Madhya Pradesh दिग्विजय सिंह ने भाजपा को नई चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि मैं सबसे अच्छा हिंदू हूं एकादशी का व्रत रखता हूं। मैं चुनौती देता हूं कि मुझसे बेहतर भाजपा में कोई हिंदू हो तो बताए।
जबलपुर, जेएनएन। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भाजपा को नई चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि मैं सबसे अच्छा हिंदू हूं, एकादशी का व्रत रखता हूं। मैं चुनौती देता हूं कि मुझसे बेहतर भाजपा में कोई हिंदू हो तो बताए। हिंदू धर्म आस्था का प्रतीक है, इसका राजनीतिक हथियार के रूप में उपयोग हो रहा है। हिंदुत्व का उपयोग राजनीति के लिए किया जा रहा है। दिग्विजय रविवार को जन जागरण अभियान के लिए मंडला जाते वक्त पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की किताब पर मध्य प्रदेश में प्रतिबंध लगाने के प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा के बयान पर दिग्विजय ने कहा कि नरोत्तम मिश्रा का किताब और पढ़ाई से कोई नाता नहीं है। हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलने के बारे में कहा कि अपने असली चेहरे को छिपाने के लिए यह किया जा रहा है। भाजपा ने रानी कमलापति के पुराने महल की मरम्मत कराने का प्रयास क्यों नहीं किया?
कांग्रेस विधायक ने कहा- सलमान खुर्शीद को पार्टी से बाहर किया जाए
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की किताब में हिंदुओं के संबंध में कथित आपत्तिजनक बातें लिखने पर बैतूल के कांग्रेस विधायक निलय डागा ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि हिंदू कभी आतंकवादी हो ही नहीं सकता। हिंदू धर्म में कभी आतंकवाद सिखाया नहीं जाता। हिंदू अपने मेहमान को भगवान मानता है। हिंदू विश्व का कल्याण करने की सोचता है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि सलमान खुर्शीद को पार्टी से बाहर करना चाहिए। किताब पर प्रतिबंध लगना चाहिए और सलमान खुर्शीद पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जन्मतिथि पर जनजातीय गौरव दिवस को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गत दिनों सरकार से आदिवासी वर्ग से जु़ड़े कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में भाजपा ने अपने घोषणापत्र में आदिवासियों के लिए नई आर्थिक गतिविधियां शुरू करने का वादा किया था पर उन्हें तो जमीन से ही बेदखल किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में वन भूमि के मालिकाना हक के दो लाख से ज्यादा दावे खारिज किए जा चुके हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि यूपीए सरकार ने वन अधिकार कानून बनाया था। इसके तहत 42 लाख वनवासियों ने वन भूमि पर अधिकार के लिए आवेदन किए थे। इसमें से 19.34 लाख आवेदन खारिज कर दिए गए। सुप्रीम कोर्ट में सरकार इनके पक्ष में खड़ी तक नहीं रही।