Bhopal Hospital Fire: भोपाल के अस्तपाल में आग के मामले में डीन सहित तीन को हटाया, उपयंत्री निलंबित
Bhopal Hospital Fire भोपाल के अस्पताल में आग लगने से शिशुओं की मौत के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गांधी मेडिकल कालेज के डीन सहित तीन अधिकारियों को लापरवाही के आरोप में पद से हटा दिया।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित हमीदिया अस्पताल की विशेष नवजात चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) में आग लगने से शिशुओं की मौत के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गांधी मेडिकल कालेज (जीएमसी) के डीन सहित तीन अधिकारियों को लापरवाही के आरोप में पद से हटा दिया। साथ ही, अस्पताल के रखरखाव का काम देखने वाले राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) के उपयंत्री को निलंबित कर दिया गया। सीपीए से यह काम लेकर लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है। ये निर्णय बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए। इसमें कई मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
सभी मेडिकल कालेज, उनसे संबद्ध अस्पतालों, जिला और निजी अस्पतालों का अनिवार्य रूप से दस दिन के भीतर फायर सेफ्टी और इलेक्टि्रक सेफ्टी आडिट कराए जाने संबंधी निर्देश भी दिए गए। इसकी समीक्षा कलेक्टर करेंगे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि प्रथम दृष्टया जो भी दोषी पाए गए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है। जीएमसी के डीन डा. जितेन शुक्ला को हटा दिया गया। हमीदिया अस्पताल जीएमसी से ही संबद्ध है। साथ ही, हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डा.लोकेन्द्र दवे और कमला नेहरू अस्पताल का भवन, जो कि गैस राहत विभाग के पास है, उसके संचालक केके दुबे को पद से हटा दिया है। एसएनसीयू कमला नेहरू अस्पताल की ऊपरी मंजिल पर ही स्थित है। सीपीए की विद्युत यांत्रिकी शाखा के उपयंत्री अवधेश भदौरिया को निलंबित कर दिया है। शिशुओं की मृत्यु के आंकड़ों को लेकर विश्वास सारंग ने कहा कि इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन अपना पक्ष स्पष्ट कर चुका है। वार्ड में गंभीर रूप से बीमार बच्चों को ही रखा जाता है। हर मृत्यु को घटना से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
View attached media content - CM Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) 10 Nov 2021
कांग्रेस का आरोप, 48 घंटे में 14 बच्चों की मौत हुई; सरकार आंकड़े छिपा रही
उधर, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि आग की वजह से 48 घंटों में 14 बच्चों की मौत हुई है। प्रदेश सरकार मौत के आंकड़े छिपा रही है। यह सामान्य दुर्घटना नहीं बल्कि बच्चों की हत्या का मामला है। इसके लिए दोषियों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हो। मामले की हाई कोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश से जांच कराई जाए। बुधवार को प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. विजय लक्ष्मी साधौ, पीसी शर्मा और विधायक आरिफ मसूद ने संयुक्त पत्रकारवार्ता में उक्त आरोप लगाए।