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भय्यू महाराज का विवादों से रहा है नाता, संत बनने से पहले माडलिंग में भी आजमाया हाथ

एक किसान परिवार में जन्‍में भय्यू महाराज का विवादों से पुराना नाता रहा है। बीएससी करने के बाद वह माडलिंग में भी अपनी किस्‍मता आजमा चुके थे और इसके बाद संत बन गए। उनके अनुयायियों में फिल्म उद्योग राजनेता और उद्योगपति भी शामिल थे।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 12:24 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 12:24 PM (IST)
भय्यू महाराज का विवादों से रहा है नाता, संत बनने से पहले माडलिंग में भी आजमाया हाथ
किसान परिवार में जन्म लेने वाले भय्यू महाराज पहले भी विवादों में रहे हैं।

इंदौर, जेएनएन। शुजालपुर के एक किसान परिवार में जन्म लेने वाले भय्यू महाराज पहले भी विवादों में रहे हैं। बीएससी करने के बाद उन्होंने माडलिंग के क्षेत्र में भी हाथ आजमाया। फिर उन्होंने संत बनकर लोगों का मार्गदर्शन करना शुरू किया। सादगी के अलावा उनकी हाई प्रोफाइल लाइफस्टाइल उनकी पहचान थी। उनके अनुयायियों में फिल्म उद्योग, राजनेता और उद्योगपति भी शामिल थे। 1996 में उन्होंने इंदौर के बापट चौराहा स्थित वर्तमान सूर्योदय आश्रम के स्थान पर किराए का मकान लेकर लोगों की समस्याओं का समाधान करना शुरू किया। बाद में जब भक्तों की संख्या बढ़ी तो उन्होंने इस स्थान को खरीद लिया और इस स्थान पर एक आश्रम का निर्माण किया।

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विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं अनुवांशिक ट्रस्ट की स्थापना की। महाराष्ट्र के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी उनके आश्रम थे। उन्होंने महाराष्ट्र के खाम गांव में पारडी बच्चों के लिए एक आश्रम भी बनवाया। ट्रस्ट की स्थापना के समय विनायक दुधाले भय्यू महाराज के संपर्क में आए। इससे पहले वे नगर निगम में मस्टर वर्कर के पद पर कार्यरत थे। सूर्योदय ने आश्रम में अपनी सेवाएं देना शुरू की। उनकी सेवाओं से प्रभावित होकर महाराज ने उन्हें महत्वपूर्ण दायित्व सौंपे और उन्हें अपने पास रखने लगे। इसके बाद वह अपने नंदनगर स्थित आवास से निकलकर कबितखेड़ी में रहने चले गए। अहमदनगर में उनके पास कृषि भूमि थी। पहली पत्नी की मौत के बाद भय्यू महाराज आयुषी के संपर्क में आये। उनकी पहली पत्नी माधवी देशमुखी का 2015 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। इसके बाद उन्होंने 30 अप्रैल 2017 को आयुषी से शादी कर ली। इस बीच दूसरी पत्नी और बेटी के बीच लगातार अनबन की खबरें आती रही। यह सिलसिला भय्यू महाराज की मौत के बाद भी जारी रहा। ट्रस्ट के संचालन को लेकर भी सवाल उठाए गए।

आश्रम के कार्यक्रम में आते थे गणमान्य व्यक्ति

आश्रम की दत्त जयंती के अवसर पर होने वाले सात दिवसीय कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्ति आते थे। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, शरद पवार, लता मंगेशकर, उद्धव ठाकरे, अनुराधा पौडवाल, आशा भोंसले, फिल्म अभिनेता मिलिंद गुनाजी सहित कई राजनीतिक हस्तियां भी आश्रम में आईं।


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