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Ayushman Bharat Scheme Scam: आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी, SHA ने इंदौर के इन अस्पतालों को जारी किया नोटिस

स्वास्थ्य मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी का कहना है कि अस्पतालों की औचक जांच कराई गई थी। इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। दस्तावेजों की जांच की जा रही है। जैसी गड़बड़ी मिलेगी उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaPublished: Mon, 20 Mar 2023 02:13 AM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2023 02:13 AM (IST)
आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी का मामला सामने आया है

भोपाल, जेएनएन। इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कालेज ने आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी करने के साथ ही वहां के कर्मचारियों-अधिकारियों ने जांच के लिए अस्पताल पहुंची टीम को धमकाने की कोशिश भी की थी। मरीजों के ओटी रिकार्ड देने से मना कर दिया था।

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टीम ने जब मरीजों से पूछा कि बाहर से दवाएं तो नहीं मंगाई गईं तो कर्मचारियों ने टीम के सामने ही मरीजों को भी धमकाना शुरू कर दिया। हालांकि, बाद में माफी मांग ली। यह जानकारी प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना का संचालन करने वाले राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (एसएचए) की जांच रिपोर्ट में सामने आई है। एसएचए ने इसी माह इंडेक्स मेडिकल कालेज समेत इंदौर के सात अस्पतालों की औचक जांच की थी।

अब एसएचए ने इन अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अनुबंध के तहत नोटिस जारी करने के बाद ही कोई कार्रवाई की जा सकती है। अस्पतालों का पक्ष आने के बाद आयुष्मान भारत योजना से अस्पतालों को असंबद्ध करने और जिन अस्पतालों ने धोखाधड़ी की है उन पर एफआइआर भी दर्ज कराई जाएगी। इंडेक्स मेडिकल कालेज ने पोर्टल पर 345 मरीज पंजीकृत बताए, जबकि जांच टीम को मौके पर सिर्फ 76 मरीज ही मिले। उस दौरान बाकी मरीजों के बारे में अस्पताल प्रबंधन ठोस जानकारी भी नहीं दे पाया।

जिन मरीजों का ओपीडी में ही उपचार किया जा सकता था उन्हें भर्ती किया गया। एक और गड़बड़ी यह कि यहां बलराम नामक मरीज के कार्ड पर अनिल भास्कर का उपचार किया जा रहा था। ऐसे मामलों में मरीज की मिलीभगत की भी आशंका रहती है। स्टेट हेल्थ एजेंसी अस्पतालों से जब्त दस्तावेजों की जांच कर रही है। इसमें बड़ी गड़बडि़यां सामने आ सकती हैं।

इंडेक्स मेडिकल कालेज में यह गड़बड़‍ियां भी मिलीं

मरीजों की कुछ ब्लड रिपोर्ट ऐसी मिली हैं, जिन्हें या तो हाथ से लिखा गया है या पैथोलाजिस्ट के हस्ताक्षर नहीं हैं। भर्ती कुछ मरीजों को कैथेटर, कैनुला, दस्ताने आदि के लिए अपनी जेब से खर्च किया गया।

स्वास्थ्य मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी का कहना है कि अस्पतालों की औचक जांच कराई गई थी। इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। दस्तावेजों की जांच की जा रही है। जैसी गड़बड़ी मिलेगी उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। योजना से संबद्धता समाप्ता करने से एफआइआर तक की कार्रवाई हो सकती है।


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