अमन पांडे अभी तक ढूंढ चुके हैं Google की 280 गलतियां, इनाम में मिले इतने करोड़ रुपये
गूगल एपल सैमसंग और कई कंपनियों के उत्पादों को उनकी सुरक्षा बेहतर करने के लिए अमन पांडे ने इंदौर में बग्स मिरर नाम का एक स्टार्टअप शुरू किया था। गूगल कंपनी के एंड्राइड प्रोडक्ट में अमन ने 300 गलतियां खोजी हैं। जिसके बदले उसे उपहार मिला है।
इंदौर, जेएनएन। अमन पांडे ने कंपनियों को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने वाले गूगल कंपनी के एंड्रॉइड प्रोडक्ट में 280 गलतियां खोजी हैं। इसके लिए गूगल ने तोहफे के तौर पर इनाम दिया है। अमन पांडे, जिन्होंने एनआईटी, भोपाल से बी.टेक किया है, जनवरी 2021 कंपनियों की तकनीकी कमजोरियों का पता लगाने के लिए और कंपनियों को सूचित करने के लिए इंदौर में बग्स मिरर नाम का एक स्टार्टअप शुरू किया था।
अमन ने बताया कि गूगल प्रतिवर्ष अपने उत्पादों में बग्स तलाशने के लिए इस तरह का प्रोग्राम चलाता है। हाल ही में गूगल ने अपनी 2021 के प्रोग्राम की जानकारी जारी की है। गूगल ने अपने सभी सेवाओं में बग रिपोर्ट करने के लिए 87 लाख डालर का इनाम दिया था। इसमें एंड्राइड वल्नरेबिलिटी रिवार्ड प्रोग्राम (वीआरपी) भी शामिल है। इसमें दुनियाभर से मेरे जैसे करीब 100 तकनीकी जानकारों ने हिस्सा लिया था। इन सभी जानकारों को उपहारस्वरूप 65 करोड़ रुपये का इनाम गूगल की ओर से दिया गया है। गूगल ने अपने ब्लाग में यह भी उल्लेख किया है कि हमने सबसे अधिक बग खोजे हैं। इसके लिए गूगल ने हमें आर्थिक मदद दी है। अभी तक हमारी कंपनी कुछ लाख रुपये की थी लेकिन अब यह करोड़ों रुपये हो गई है।
कालेज के समय से रुचि
अमन झारखंड का रहने वाला है और इंदौर से अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहता है। इस बारे में उनका कहना है कि इंदौर में बैंगलोर और अन्य शहरों की तुलना में बेहतर वातावरण है। यहां स्टार्टअप्स के लिए काम करने की काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि जब मैं कालेज के फर्स्ट ईयर में था तो मुझे एक ऐसा ऐप मिला था, जिसके जरिए किसी की लोकेशन ट्रेस की जा सकती थी। यहां से मैंने सोचा कई कंपनियों और लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि वे जिस ऐप को चला रही हैं उसमें कई खामियां हैं। इन कमियों को दूर करने के लिए स्टार्टअप शुरू किए गए हैं। अमन का कहना है कि हम Google, Apple, Samsung और कई कंपनियों के उत्पादों की सुरक्षा में सुधार के लिए काम करते रहते हैं।
Disclaimer- इस खबर में कुछ मूल तथ्य गलत चले गए थे, जिन्हें लेटेस्ट रिपोर्ट के आधार पर ठीक किया गया है।