Madhya Pradesh: मप्र में 88 लाख घरेलू उपभोक्ताओं का 6400 करोड़ रुपये का बकाया बिजली बिल माफ
Madhya Pradesh शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश के 88 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का छह हजार 400 करोड़ रुपये का बिल माफ होगा। कोरोनाकाल के समय स्थगित बिलों की बकाया राशि को लेकर यह निर्णय लिया गया है।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण पर जवाब देते हुए कई घोषणाएं कीं। प्रदेश के 88 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का छह हजार 400 करोड़ रुपये का बिल माफ होगा। कोरोनाकाल के समय स्थगित बिलों की बकाया राशि को लेकर यह निर्णय लिया गया है। साथ ही, कमल नाथ सरकार की कर्ज माफी योजना की कारण जो किसान डिफाल्टर हो गए थे, उन्हें ब्याज माफी दी जाएगी। यह राशि सरकार बैंकों को देगी। एक अन्य बड़ा कदम उठाते हुए तय किया गया है कि पुलिस आरक्षक भर्ती में अब 50 प्रतिशत अंक शारीरिक दक्षता के होंगे। रिक्त पदों पर भर्ती का काम तेजी के साथ चलेगा। मुख्यमंत्री ने दो घंटे से अधिक के भाषण में हर वर्ग को छूने का प्रयास किया। उन्होंने कांग्रेस के आरोपों का जवाब भी दिया और सरकार जो कदम उठा रही है, उसका ब्योरा भी दिया।
इन्हें मिली राहत
शिवराज ने कहा कि कोरोनाकाल में बिजली बिल की वसूली स्थगित की गई थी। स्थिति सामान्य होने पर बिलों में राहत देने हुए सरचार्ज माफ करने के साथ छह किस्तों में बिल समाधान योजना लागू की थी। अब तय किया गया है कि घरेलू उपभोक्ताओं का कोरोनाकाल का बकाया बिल माफ किया जाएगा। जिन 48 लाख उपभोक्ताओं ने 189 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं, उनकी राशि का समायोजन आगामी बिलों में किया जाएगा। कांग्रेस ने किसानों की कर्जमाफी को लेकर जो वचन दिया था, वो कितना खरा उतरा, इसका फैसला जनता ने कर दिया है। कर्ज माफी के चक्कर ने किसानों ने कर्ज अदायगी नहीं की और वे डिफाल्टर हो गए। ऐसे 10 लाख से अधिक किसानों के कर्ज के ब्याज का बोझ सरकार उतारेगी। किसानों को ब्याज माफी दी जाएगी और इसकी प्रतिपूर्ति सहकारी बैंकों को करेंगे। दो साल में एक लाख 72 हजार करोड़ रुपये का लाभ किसानों को दिया जा चुका है।
पुलिस आरक्षक: भर्ती में होगा तकनीक का उपयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। रिक्त पदों पर भर्ती का तेजी से काम चल रहा है। छह हजार पुलिस आरक्षकों की भर्ती हो रही है। अब तय किया गया है कि पुलिस आरक्षक भर्ती में 50 प्रतिशत अंक शारीरिक दक्षता के रखे जाएंगे, क्योंकि पुलिस कर्मी को शारीरिक तौर पर भी सक्षम होना जरूरी है। भर्ती में पारदर्शिता रहे, इसके लिए तकनीकी का उपयोग किया जाएगा। टैग लगाकर अभ्यर्थियों को दौड़ाया जाएगा, ताकि कोई गड़बड़ी न हो।
भोपाल-इंदौर में महिला उद्यमियों के लिए औद्योगिक क्षेत्र
मुख्यमंत्री ने महिला उद्यमियों के लिए भोपाल और इंदौर में अलग से औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की घोषणा की। सौ करोड़ रुपये का विशेष कोष भी बनाया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मी योजना के दूसरे चरण में निश्शुल्क उच्च शिक्षा के लिए प्रबंध किया जाएगा।
विधायक निधि अब तीन करोड़ रुपये, 50 लाख रुपये रहेगा स्वेच्छानुदान
मुख्यमंत्री ने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना (विधायक निधि) को तीन करोड़ रुपये करने की घोषणा की। इसमें 50 लाख रुपये स्वेच्छानुदान के लिए रहेंगे। विधायक काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे। कोरोनाकाल के समय एक बार के लिए स्वेच्छानुदान 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया गया था।
27 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही होंगे पंचायत
चुनाव मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अन्य पिछ़़डा वर्ग के साथ धोखा किया था। 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने का प्रपंच किया गया। स्वयं हाईकोर्ट जाकर राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में आरक्षण को रकवाने का काम किया। हमारी सरकार ने न सिर्फ भर्तियों में आरक्षण का लाभ दिया, बल्कि यह भी तय किया कि बैकलाग पदों की भर्ती में भी आरक्षण मिलेगा। पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही कराए जाएंगे।
खास बातें
-29 मार्च को रोजगार दिवस का आयोजन होगा। नवंबर, 2021 से फरवरी, 2022 तक 10 लाख 27 हजार हितग्रहिायों को पांच हजार 430 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराई है। एक पदों पर भर्ती होगी।
-भूमाफिया से 21 हजार एकड़ भूमि मुक्त कराई है। इसका उपयोग गरीबों के आवास बनाने के लिए किया जाएगा।
-इस वर्ष 30 लाख प्रधानमंत्री आवास बनाने का लक्ष्य पूरा हो जाएगा। 28 मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच लाख 21 हजार हितग्राहियों का गृह प्रवेश कराएंगे। आवास प्लस योजना के लिए 27 लाख पात्र व्यक्तियों की सूची तैयार की गई है।
-कर्मचारियों को 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाएगा।
-अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछ़़डा वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति की राशि में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
-अनुसूचित जनजाति वर्ग का विकास करने के लिए कर्ज भी लेना पड़े तो सरकार पीछे नहीं हटेगी।