सात साल की उम्र में शुरू किया अभ्यास, 11 की उम्र में बना लिया विश्व रिकार्ड
हार्दिक का अगला लक्ष्य कास्टर बोर्ड पर अधिक समय तक 360 डिग्री घूमकर नया रिकार्ड बनाना है। हार्दिक के मुताबिक अभी उन्होंने एक मिनट में 22 चक्कर लगाकर रिकार्ड बनाया है। वे इस अवधि से अधिक देर तक चक्कर लगा सकते है।
अजय जैन, विदिशा। कहते है, पूत के पांव पालने में ही नजर आने लगते है, ऐसा ही कुछ कास्टर बोर्ड पर घूमकर गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराने वाले हार्दिक रघुवंशी के साथ भी हुआ। महज सात वर्ष की उम्र में हार्दिक ने कास्टर बोर्ड की सवारी का अभ्यास शुरू किया और 11 वर्ष की उम्र में विश्व रिकार्ड बना लिया। अब उसका लक्ष्य कास्टर बोर्ड पर अधिक समय तक लगातार चक्कर लगाकर फिर नया रिकार्ड बनाना है।
विदिशा जिले के एक छोटे से गांव कोठीचार कला से निकलकर गुजरात के वडोदरा शहर में पहुंचे अजय रघुवंशी के इकलौते पुत्र है हार्दिक। अजय सन फार्मा के एनालिटिकल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में आरएंडडी प्रबंधक है। वे बताते है कि हार्दिक का जन्म भोपाल में हुआ। इसके बाद नौकरी के चलते उन्हें अहमदाबाद और दिल्ली में रहना पड़ा। इस दौरान हार्दिक सामान्य बच्चों की तरह ही था लेकिन छह वर्ष पहले जब वे बड़ोदरा पहुंचे तब तक हार्दिक की रुचियां दिखने लगी थी। उसे शुरुआत में साइकिल चलाने का शौक जागा। छह वर्ष की उम्र में वह अच्छे ढंग से साइकिल चलाने लगा था। एक दिन उसने स्केटिंग सीखने की जिद पकड़ ली। तब वडोदरा में ही उसे स्केटिंग सीखने के लिए एक स्कूल में डाल दिया। कुछ महीनों में ही हार्दिक ने स्केटिंग करना सीख लिया। वह कालोनी की सड़कों पर स्केटिंग करने लगा। इसी दौरान उसने एक स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में एक लड़के को कास्टर बोर्ड की सवारी करते देखा। घर आकर उसने यू ट्यूब पर कास्टर बोर्ड का खेल देखा और अब कास्टर बोर्ड सीखने की बात कही।
अजय के मुताबिक वडोदरा में कास्टर बोर्ड की ट्रेनिंग देने वाला कोई स्कूल नहीं था लेकिन उन्होंने हार्दिक को कास्टर बोर्ड खरीदकर दे दिया। अब घर के बाहर ही उसे चलाने की कोशिश करता रहा। कई बार कास्टर बोर्ड चलाते गिरा भी लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और छह महीने के भीतर कास्टर बोर्ड पर सवारी शुरू कर दी। करीब तीन साल तक हार्दिक कालोनी की सड़कों पर ही कास्टर बोर्ड चलाकर अभ्यास करता रहा। दो साल पहले उसने कास्टर बोर्ड पर चलते हुए स्टंट करने लगा। उसने चलते समय अपने शरीर का संतुलन कायम रखना भी सीख लिया। इस दौरान हार्दिक ने यू ट्यूब के जरिए इस खेल की सारी बारिकिया और रिकार्ड की जानकारी जुटा ली थी। वर्ष 2020 में उसने कास्टर बोर्ड पर गोल चक्कर लगाने का रिकार्ड बनाने की बात कही। अजय बताते है कि तब उन्होंने पहली बार गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड के प्रबंधन से पत्राचार शुरू किया, लेकिन इसी बीच कोरोना आ जाने की वजह से यह प्रक्रिया रुक गई। कोरोना का प्रकोप थमने के बाद पिछले वर्ष उन्होंने गिनीज बुक वालों से दोबारा संपर्क किया और इस वर्ष जनवरी में हार्दिक को कास्टर रिकार्ड बनाने की अनुमति मिली।
साल भर लगाते रहा उल्टा चक्कर
हार्दिक बताते है कि वे कास्टर बोर्ड से गोल घूमने का एक वर्ष से अभ्यास कर रहे थे। जब गिनीज बुक से रिकार्ड बनाने की अनुमति के साथ गाइड लाइन मिली तो पता चला कि वे उल्टे घूमने का अभ्यास कर रहे थे। उन्होंने फिर घड़ी की सुइयों की तरह सीधे घूमने का अभ्यास शुरू किया, चूंकि उन्हें शरीर का संतुलन कायम रखना आ गया था इसलिए वे मात्र 17 दिनों में सीधा घूमना भी सीख गए। अब एक मिनट में अधिक से अधिक चक्कर लगाना था इसलिए छोटे - छोटे चक्कर लगाना पड़ रहा था जो वास्तव में बहुत कठिन था। इस दौरान यह ध्यान रखना बहुत जरूरी था कि शरीर का कोई हिस्सा एक - दूसरे के संपर्क में न आए। कड़े अभ्यास के बाद वे एक फिट के घेरे में एक मिनट में 22 चक्कर लगाने में कामयाब रहे।
संतुलन बनाने में डांस ने की मदद
कास्टर बोर्ड में सिर्फ दो पहिए ही होते है और इस पर चलने के दौरान शरीर का संतुलन बनाए रखना काफी कठिन होता है लेकिन हार्दिक के लिए डांस का अभ्यास इसमें काफी काम आया। हार्दिक के अनुसार उसे छह - सात वर्ष की उम्र से ही डांस का शौक था, इसलिए उनके पिता ने उनका एडमिशन एक डांस स्कूल में करा दिया। दो साल तक उन्होंने क्लासिकल डांस की प्रेक्टिस की। इसके बाद उन्हें डेंगू की बीमारी हो जाने के कारण डांस स्कूल छूट गया लेकिन घर पर प्रेक्टिस जारी रखी। इसका फायदा कास्टर बोर्ड चलाने में मिला।
अधिक समय तक घूमकर बनाना है रिकार्ड
हार्दिक का अगला लक्ष्य कास्टर बोर्ड पर अधिक समय तक 360 डिग्री घूमकर नया रिकार्ड बनाना है। हार्दिक के मुताबिक अभी उन्होंने एक मिनट में 22 चक्कर लगाकर रिकार्ड बनाया है। वे इस अवधि से अधिक देर तक चक्कर लगा सकते है लेकिन गिनीज बुक की गाइड लाइन के अनुसार यह रिकार्ड बनाने के लिए 16 वर्ष से अधिक उम्र होना जरूरी है। हार्दिक कहते है कि अभी वे 11 वर्ष के है। वे कास्टर बोर्ड पर चक्कर लगाने का अभ्यास जारी रखेंगे और पांच साल बाद 16 वर्ष की उम्र पूरी होने पर वे सबसे अधिक समय तक कास्टर बोर्ड पर चक्कर लगाने का नया रिकार्ड कायम करेंगे।
स्केट बोर्ड से कैसे अलग होता है कास्टर बोर्ड
स्केटिंग के लिए उपयोग में आने वाले स्केट बोर्ड में दोनों ओर दो - दो पहिए होते है लेकिन कास्टर बोर्ड इससे अलग होता है। इसमें दोनों ओर एक - एक पहिया ही होता है। दोनों पहियों को एक लोहे के पाइप से जोड़ा जाता है। इस पाइप के ऊपर एक ढलवा आकर का प्लास्टिक की पटिया होती है, जिस पर पैरों के पंजों को रखा जाता है। एक ही पटिया पर सिर्फ दो पहियों के साथ चलना काफी मुश्किल होता है। यह खेल भारत में कम प्रचलित है लेकिन विदेश में इसे काफी पसंद किया जाता है। यह खेल व्यक्तिगत श्रेणी का माना जाता है।