डीएम कार्यालय के सामने शिवसेना और मनसे के बीच चले पत्थर
उद्धव ठाकरे एवं उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के बीच अब तक चल रहा जुबानी टकराव गुरुवार को उनके कार्यकर्ताओं के बीच जमीनी टकराव में बदल गया। दक्षिण मुंबई स्थित जिलाधिकारी कार्यालय के सामने दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर जमकर बोतल व पत्थर फेंके। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद स्थिति काब
मुंबई, राज्य ब्यूरो। उद्धव ठाकरे एवं उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के बीच अब तक चल रहा जुबानी टकराव बृहस्पतिवार को उनके कार्यकर्ताओं के बीच जमीनी टकराव में बदल गया। दक्षिण मुंबई स्थित जिलाधिकारी कार्यालय के सामने दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर जमकर बोतल व पत्थर फेंके। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद स्थिति काबू में आई।
दक्षिण मुंबई लोकसभा क्षेत्रसे शिवसेना उम्मीदवार अरविंद सावंत एवं दक्षिण-मध्य मुंबई से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना [मनसे] के उम्मीदवार आदित्य शिरोडकर लगभग एक ही समय अपना पर्चा दाखिल करने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे थे। कार्यालय के अंदर दोनों उम्मीदवारों के पर्चा दाखिल किए जाते समय दोनों दलों के कार्यकर्ता बाहर झंडे लहराकर अपने-अपने नेताओं के पक्ष में नारेबाजी करते रहे।
नामांकन दाखिल हो जाने के बाद दोनों उम्मीदवारों के बाहर आने तक यह नारेबाजी पहले गाली-गलौच में बदली और फिर मारपीट शुरू हो गई। करीब ढाई घंटे तक शहीद भगत सिंह मार्ग पर दोनों दलों के कार्यकर्ता एक-दूसरे पर सोडावाटर की बोतलें, पत्थर और चप्पलें फेंकते रहे। घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी ने पुलिस आयुक्त राकेश मारिया को यह सूचना दी गई। पुलिस के हस्तक्षेप से यह टकराव रुका।
अपर पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था कृष्णप्रकाश के अनुसार वह टेलीविजन चैनलों की फुटेज एवं चुनाव आयोग के कर्मचारियों द्वारा की गई वीडियो रिकॉर्डिग देख रहे हैं। उत्पात मचाने वालों पर जल्दी ही प्राथमिकी दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाएगी। शिवसेना के सचिव अनिल देसाई ने आरोप लगाया है कि मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा पूर्वनिर्धारित योजना के तहत हिंसात्मक कार्रवाई की गई। उन्होंने चुनाव आयोग से इसकी जांच कर मनसे की मान्यता रद्द करने की मांग की है।