आजम ने इशारों-इशारों में चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया
सपा नेता आजम खान ने मंगलवार को चुनाव आयोग को इशारों-इशारों में कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने भाजपा और विहिप नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि वे देश को बंटाने वाले बयान देते रहें और वे अपने दिल की बात भी नहीं कह सकें। उन्होंने साथ ही कहा कि यदि मुलायम सिंह यादव प्रधानमंत्री नहीं बने त
कन्नौज। सपा नेता आजम खान ने मंगलवार को चुनाव आयोग को इशारों-इशारों में कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने भाजपा और विहिप नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि वे देश को बंटाने वाले बयान देते रहें और वे अपने दिल की बात भी नहीं कह सकें। उन्होंने साथ ही कहा कि यदि मुलायम सिंह यादव प्रधानमंत्री नहीं बने तो ये देश का दुर्भाग्य होगा।
चुनाव आयोग द्वारा अपने को प्रतिबंधित किए जाने के मुद्दे पर आजम ने सीधे-सीधे शब्दों में न बोलते हुए कहा कि मैं कौन होता हूं किसी को कठघरे में खड़ा करने वाला। अपने विचार तक व्यक्त नहीं कर सकता हूं। मोदी खून में नहाए हुए हैं, यह नहीं कह सकता हूं। हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई रिश्तों को खराब करने वालों पर नहीं बोल सकता हूं। सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ नहीं बोल सकता हूं।
उन्होंने अमित शाह का नाम लिए बगैर कहा कि जिसको सुप्रीम कोर्ट ने राज्य से बाहर कर दिया, वो बोल सकता है। जो एक विश्वविद्यालय का फाउंडर मैंबर है, जो कई विधानसभा चुनाव जीत चुका है, जो राज्यसभा का सदस्य रह चुका है, जिस पर कोई कलंक नहीं वह कुछ नहीं बोल..। वे मुस्लिम को इलाका छोड़ने की धमकी दें, वे मोदी को वोट न देने वालों को पाकिस्तान जाने को कहें। वे देश की आजादी और विकास में मुस्लिमों के योगदान को न माने.. और हम कुछ भी न बोलें।
आजम ने कहा कि जब 1947 में देश का बंटवारा हुआ था, हम तब भी पाकिस्तान नहीं गए थे। हमसे बड़ा देशभक्त और कौन हो सकता है।
गौरतलब है इससे पहले भाजपा नेता अमित शाह के ऊपर से चुनाव आयोग द्वारा प्रतिबंध हटाने जाने के बाद आजम खान ने कहा था कि वह कुछ दिन पहले दिए अपने विवादित बयान पर माफी नहीं मांगेगे, क्योंकि उन्होंने कोई गलती नहीं की है। उन्होंने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह राज्य में प्रचार करने से उन्हें रोकने के आयोग के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। चुनाव आयोग ने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में 11 अप्रैल को शाह के साथ आजम खान को प्रदेश में प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि चुनाव आयोग ने बाद में शाह को उत्तर प्रदेश में प्रचार करने की अनुमति दे दी। शाह ने चुनाव आयोग को आश्वासन दिया था कि वह सार्वजनिक शांति और कानून व्यवस्था में अड़चन नहीं डालेंगे।