तब 11 फीसद वोटों से बन गए थे सांसद
केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, बसपा नेता दारा सिंह चौहान और अभिनेत्री जयाप्रदा भले ही अलग राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन इनमें एक समानता है। यदि यूपी बोर्ड के नियमों के अनुसार चुनाव में भी 33 फीसद मत पाने की अनिवार्यता होती तो ये सब सांसदी की परीक्षा में फेल हो गए होते। यह विडंबना ही है कि बीते चुनाव म
[अजय जायसवाल], लखनऊ। केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, बसपा नेता दारा सिंह चौहान और अभिनेत्री जयाप्रदा भले ही अलग राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन इनमें एक समानता है। यदि यूपी बोर्ड के नियमों के अनुसार चुनाव में भी 33 फीसद मत पाने की अनिवार्यता होती तो ये सब सांसदी की परीक्षा में फेल हो गए होते। यह विडंबना ही है कि बीते चुनाव में कई ऐसे उम्मीदवार भी लोकसभा पहुंचने में सफल रहे थे जिन्हें 80 फीसद मतदाताओं ने नकार दिया था। वैसे तो बहुमत के लिए आधे से अधिक का समर्थन सिद्धांत रूप में मान्य है पर 15वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित 80 सांसदों में से किसी को भी 35 फीसद से अधिक निर्वाचकों का समर्थन नहीं हासिल हुआ था। बड़ा कारण महज 47.75 फीसद मतदान होना तो था ही मतों का विभाजन भी था। यूपी में कुल पड़े मतों का औसत निकालें तो एक सांसद के खाते में सिर्फ 17.88 फीसद मत ही आए थे।
2.05 करोड़ वोटरों ने ही चुने थे सभी सांसद पंद्रहवीं लोकसभा के हुए चुनाव में 11 करोड़ 60 लाख 34 हजार 230 निर्वाचकों को 80 सांसद चुनने थे लेकिन इनमें 5 करोड़ 54 लाख 5 हजार 546 ने ही मतदान में भाग लिया था। हालांकि इनका विभाजन भी सत्यनारायण के प्रसाद की तरह थोड़ा-थोड़ा सभी उम्मीदवारों में हुआ। जीते सांसदों को कुल 2 करोड़ 5 लाख 92 हजार 135 वोट ही मिले थे। यानी औसतन 17.88 फीसद। नतीजा यह रहा कि करीब 16.20 लाख मतदाताओं वाले सलेमपुर संसदीय क्षेत्र से बसपा के राम शंकर राजभर सिर्फ 10.81 फीसद लोगों के वोट पाकर जीत गए थे। हालांकि कुल पड़े मतों में उन्हें 27.54 फीसद हासिल हुआ था।
जीते लेकिन वोट 13 फीसद से कम
पिछले चुनाव में ऐसी दर्जनभर सीटें थीं। जहां से विजयी प्रत्याशियों को कुल निर्वाचकों के 13 फीसद वोट भी नहीं मिले थे। इनमें गोण्डा [11.61 फीसदी], फूलपुर [11.75], प्रतापगढ़ [11.79], लखनऊ [12.34], चंदौली [12.45], संतकबीरनगर [12.45], मछलीशहर [12.74], फर्रुखाबाद [12.77], बहराइच [12.83], भदोही [12.89] व घोसी [12.97] संसदीय क्षेत्र थे। सर्वाधिक 18.32 लाख निर्वाचकों वाली गाजियाबाद लोकसभा सीट से विजयी रहे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह को भी क्षेत्र के 19.63 फीसद वोट मिले थे। न्यूनतम 11.55 लाख निर्वाचकों वाली रामपुर से जीती सपा की जयाप्रदा को भी 19.98 फीसद से ही संतोष करना पड़ा था।
50 फीसद से ज्यादा वोटों से जीते थे सिर्फ नौ सांसद
मतदान करने वालों के हिसाब से देखा जाए तो मात्र नौ सांसदों को 50 फीसद से ज्यादा के मत मिले थे। रायबरेली में सोनिया गांधी को मतदान केंद्रों पर रिकार्ड रिकार्ड 72.23 फीसदी [4.81 लाख] वोट हासिल हुआ था। अमेठी, मैनपुरी, गोरखपुर, उन्नाव, मथुरा, धौरहरा, हरदोई व पीलीभीत से विजयी प्रत्याशियों ने भी कुल पड़े मतों का 50 फीसदी से ज्यादा हासिल किया। 30 फीसदी से कम वोटरों के दम पर 22 सांसद चुने गए थे।
2009- किस दल को कितने वोट [प्रतिशत में] पार्टी [जीते सांसद] मतदाता निर्वाचक
बसपा (20) 27.42 13.11
सपा (23) 23.26 11.12
कांग्रेस (21) 18.25 08.73
भाजपा (10) 17.50 08.37
रालोद (05) 03.27 01.56
निर्दलीय (01) 04.52 02.16
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