डब्ल्यूएचओ ने एचसीक्यू के परीक्षण को फिर मंजूरी दी, परीक्षण प्रोटोकाल में नहीं किया बदलाव

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने फिर से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के परीक्षण की सिफारिश की है। दवा के सुरक्षा संबंधी डाटा के अध्ययन के बाद यह सिफारिश की गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 03 Jun 2020 11:56 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jun 2020 11:56 PM (IST)
डब्ल्यूएचओ ने एचसीक्यू के परीक्षण को फिर मंजूरी दी, परीक्षण प्रोटोकाल में नहीं किया बदलाव
डब्ल्यूएचओ ने एचसीक्यू के परीक्षण को फिर मंजूरी दी, परीक्षण प्रोटोकाल में नहीं किया बदलाव

लंदन, पीटीआइ। कोरोना की दवाओं के परीक्षण में शामिल मरीजों को जल्द ही फिर से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा दी जाने लगेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडहैनम घेब्रेयसस ने कहा कि विशेषज्ञों ने इस दवा के सुरक्षा संबंधी डाटा के अध्ययन के बाद फिर से परीक्षण की सिफारिश कर दी है।

उन्होंने बताया कि इस सिफारिश का मतलब यह है कि जिन मरीजों ने खुद पर कोरोना दवाओं के परीक्षण की सहमति दे रखी है उन्हें डॉक्टर यह दवा देने लगेंगे। महानिदेशक ने बुधवार को बताया कि डब्ल्यूएचओ की सुरक्षा निगरानी कमेटी ने एचसीक्यू के वैश्विक डाटा का परीक्षण कर लिया है। उल्लेखनीय है कुछ अध्ययनों में यह दावा किया गया था जो लोग एचसीक्यू ले रहे हैं, कोरोना से उनकी मृत्यु की संभावना, यह दवा न लेने वालों से अधिक है।

टेड्रोस ने कहा कि कमेटी के सदस्यों का मानना है कि परीक्षण के प्रोटोकाल में बदलाव की कोई जरूरत नहीं है। डब्ल्यूएचओ को संचालित करने वाले कार्यकारी समूह ने परीक्षण में शामिल सभी दवाओं के समूहों को जारी रखने की अनुसंशा कर दी है। मरीजों के अन्य समूहों पर रेमडेसिविर और एचआइवी दवाओं के कांबिनेशन का परीक्षण हो रहा है।

उन्होंने बताया कि 35 देशों में चल रहे डब्ल्यूएचओ के इस परीक्षण कार्यक्रम में 3500 लोग भाग ले रहे हैं। उल्लेखनीय है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एचसीक्यू दवा के बहुत मुरीद हैं। उन्होंने सार्वजनिक रूप से हर दिन एक गोली लेने की बात कही है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हैं कि पहले से ही दवा लेने से कोरोना की रोकथाम होती है या नहीं। 

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