संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर 'पाकिस्तान ग्लोबल टेररिस्ट स्टेट' का नारा लगा रहे लोग

Imran Khan Speech in UNGA पाकिस्तानी प्रधानमंत्री Imran Khan के भाषण से पहले न्यूयॉर्क में प्रदर्शन हो रहे हैं। विरोध प्रदर्शन करने वाला अमेरिका का एडवोकेसी ग्रुप है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Fri, 27 Sep 2019 06:40 PM (IST) Updated:Fri, 27 Sep 2019 08:46 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर 'पाकिस्तान ग्लोबल टेररिस्ट स्टेट' का नारा लगा रहे लोग
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर 'पाकिस्तान ग्लोबल टेररिस्ट स्टेट' का नारा लगा रहे लोग

न्यूयार्क, एएनआइ। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचार के खिलाफ न्यूयार्क की सड़कों पर अनूठे अंदाज में विरोध प्रदर्शन हुआ। पीली टैक्सियों और मिनी ट्रकों की छतों पर डिजिटल स्क्रीन के जरिए पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों पर हो रहे जुल्मों को दर्शाया गया। चौबीसों घंटे यह वाहन पाकिस्तान की कारस्तानियों का नमूना पूरे शहर भर में लेकर घूमते रहे।

पाकिस्तान की अपने यहां के अल्पसंख्यकों पर ज्यादतियों के खिलाफ यह अभियान बड़े पैमाने पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण से पहले छेड़ा गया है। यह विरोध प्रदर्शन करने वाला अमेरिका का एडवोकेसी ग्रुप है।

'पाकिस्तान ग्लोबल टेररिस्ट स्टेट'

74 वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान भारतीय समुदाय के सदस्य संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर इकट्ठा हुए। वे पीएम मोदी को सपोर्ट करने वहां पहुंचे। हालांकि, इस दौरान लोगों के हाथ में बैनर थे, जिस पर लिखा था, 'पाकिस्तान ग्लोबल टेररिस्ट स्टेट'।

New York, USA: Members of the Indian community gather outside United Nations Headquarters, ahead of PM Narendra Modi's address at the 74th United Nations General Assembly. #UNGA pic.twitter.com/8wGBXbmLjS — ANI (@ANI) September 27, 2019

संयुक्त राष्ट्र के चार्टर को नहीं मानता पाकिस्तान 

संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय के आसपास घूमते हुए इन वाहनों की डिजिटल स्क्रीन पर लिखा था, 'पाकिस्तान ऐसा देश है जो मानवाधिकार पर संयुक्त राष्ट्र के चार्टर को नहीं मानता और मुहाजिर पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के दखल की मांग करते हैं।'

कराची के पूर्व मेयर वासेय जलील ने बताया कि पाकिस्तान मुहाजिरों को ऐसे अन्याय के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी नहीं करने देता है, इसलिए उनके पास कोई और विकल्प नहीं था। इसलिए उन लोगों को संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से मदद मांगनी पड़ रही है। यह हमारा नैतिक, मानवीय और लोकतांत्रिक अधिकार है।

25 हजार से अधिक लोग मारे गए

उन्होंने बताया कि मुहाजिरों के खिलाफ यह अत्याचार दशकों से हो रहे हैं। हमारे 25 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग गायब किए जा चुके हैं। हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि हमारी यह हालत पाकिस्तान ने की है। ध्यान रहे कि पाकिस्तान में मुहाजिर वह मुसलमान कहलाते हैं जो भारत के बंटवारे के वक्त मुख्यत: यूपी और बिहार से पाकिस्तान चले गए थे।

इसीतरह वाइस ऑफ कराची के अध्यक्ष नदीम नुसरत ने बताया कि पाकिस्तान एकतरफ तो अपने ही देश के अल्पसंख्यकों को यातनाएं दे रहा है और दूसरी ओर प्रधानमंत्री इमरान खान कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में एक झूठी कहानी सुना रहे हैं।

पाक पीएम अपना घर दुरस्त करें

उन्होंने कहा कि यह वाकई शर्मनाक है कि पाकिस्तान कहता है कि भारत मुसलमानों के खिलाफ है। जबकि पाकिस्तान ने खुद ही धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए देश को नर्क बना कर रखा है। पाकिस्तान कश्मीर की बात करता है, लेकिन करीब पांच लाख पाकिस्तानी ऐसे हैं जो अभी भी बांग्लादेश में रेडक्रास के शिविरों में रह रहे हैं। इस बात का कोई मतलब नहीं कि पाकिस्तान सीमा पार के लोगों की बात करता है, लेकिन अपने ही देश में अपने ही लोगों की अनदेखी करता है। हम चाहते हैं कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पहले अपना घर दुरुस्त करें। इसके अलावा, वाइस ऑफ कराची ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस को लिखा है कि वह कराची के लोगों और पाकिस्तान के सरकारी दमन के पीडि़तों को न्याय दिलवाएं।

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