प्रोटीन में दिखी कोरोना से मुकाबले की नई उम्मीद, इम्यून सिस्टम रहता है बेहद मजबूत

एक नए अध्ययन में पाया कि अस्पताल में भर्ती कोरोना रोगियों को सांस के जरिये इस प्रोटीन की खुराक देने से संक्रमण को गंभीर होने रोका जा सकता है। इस तरीके से कोविड-19 के खिलाफ नए उपचार की राह खुल सकती है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Fri, 13 Nov 2020 08:23 PM (IST) Updated:Fri, 13 Nov 2020 08:23 PM (IST)
प्रोटीन में दिखी कोरोना से मुकाबले की नई उम्मीद, इम्यून सिस्टम रहता है बेहद मजबूत
ब्रिटेन की साउथैंप्टन यूनिवर्सिटी के विज्ञानियों ने किया शोध

लंदन, प्रेट्र। कोरोना वायरस (COVID 19) की काट के तौर पर अभी तक कोई प्रभावी उपचार या वैक्सीन मुहैया नहीं हो पाई है। विज्ञानी इस पर तेजी से काम कर रहे हैं। इसी कवायद में जुटे विज्ञानियों को इम्यून सिस्टम को मजबूत करने वाले एक प्रोटीन में कोरोना से मुकाबले की नई उम्मीद दिखी है। उन्होंने एक नए अध्ययन में पाया कि अस्पताल में भर्ती कोरोना रोगियों को सांस के जरिये इस प्रोटीन की खुराक देने से संक्रमण को गंभीर होने रोका जा सकता है। इस तरीके से कोविड-19 के खिलाफ नए उपचार की राह खुल सकती है।

लैंसेट रेस्परटोरी मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, ब्रिटेन के नौ अस्पतालों में एक क्लीनिकल ट्रायल किया गया था। इसके आधार पर ये नतीजे सामने आए हैं। इसमें पाया गया कि प्रोटीन इंटरफेरॉन बीटा-1ए के जरिये संक्रमण के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

अस्पताल में भर्ती मरीज इस उपचार की मदद से जल्द उबर सकते हैं

ब्रिटेन की साउथैंप्टन यूनिवर्सिटी के विज्ञानियों ने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीज इस उपचार की मदद से जल्द उबर सकते हैं। हालांकि इस नए उपचार पर अभी और अध्ययन किए जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि इंटरफेरॉन बीटा में स्वभाविक तौर पर प्रोटीन पाया जाता है। इस प्रोटीन की वायरल संक्रमण के खिलाफ इम्यून रिस्पांस में अहम भूमिका होती है। पूर्व के अध्ययन में यह बात सामने आ चुकी है कि कोरोना वायरस प्रत्यक्ष रूप से इंटरफेरॉन बीटा के स्राव को रोक देता है। क्लीनिकल ट्रायल में भी कोरोना रोगियों में इस प्रोटीन की सक्रियता में कमी पाई गई है। 

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