मतभेदों के बावजूद ब्रिटेन और ईयू में कल से फिर शुरू होगी व्यापार संधि के लिए वार्ता

ब्रिटेन की मांग है कि ईयू उसके साथ वैसा ही व्यापार समझौता करे जैसा कि उसने कनाडा के साथ कर रखा है। ब्रिटेन अपने लिए यूरोप के सभी देशों में मुक्त व्यापार के अधिकार की मांग कर रहा है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sun, 08 Nov 2020 07:40 PM (IST) Updated:Sun, 08 Nov 2020 07:40 PM (IST)
मतभेदों के बावजूद ब्रिटेन और ईयू में कल से फिर शुरू होगी व्यापार संधि के लिए वार्ता
31 दिसंबर तक व्यापार समझौता होना है अनिवार्य

लंदन, आइएएनएस। मतभेदों के बावजूद ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन (EU) के वार्ताकार सोमवार को लंदन में व्यापार समझौते के लिए फिर से वार्ता शुरू करेंगे। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय ने दी है। सोमवार से वार्ता शुरू करने का फैसला ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और यूरोपीय कमीशन की प्रेसिडेंट उर्सला वॉन डेर लिएन की टेलीफोन पर हुई बातचीत में लिया गया।

समुद्र में मछली पकड़ने के अधिकार समेत कुछ खास मसलों पर मतभेद के बाद ब्रिटेन करीब छह हफ्ते पहले वार्ता से हट गया था। ब्रिटेन की मांग है कि ईयू उसके साथ वैसा ही व्यापार समझौता करे जैसा कि उसने कनाडा के साथ कर रखा है। ब्रिटेन अपने लिए यूरोप के सभी देशों में मुक्त व्यापार के अधिकार की मांग कर रहा है। वार्ता तोड़ने के बाद ब्रिटेन ने व्यापार के लिए अलग से कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। लेकिन जब अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के आरोप लगे तो ब्रिटेन को वापस वार्ता की टेबल पर लौटना पड़ा।

31 दिसंबर तक व्यापार समझौता होना है अनिवार्य

यूरोपीय यूनियन भी ब्रिटेन के साथ समझौते को बरकरार रखना चाहता है। पूर्व में हुए ब्रेक्जिट समझौते के मुताबिक 31 दिसंबर तक व्यापार समझौता होना अनिवार्य है। ब्रिटेन के नेशनल ऑडिट ऑफिस ने आगाह किया है कि 31 दिसंबर तक कोई व्यापार समझौता न होने पर ब्रिटेन को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि 31 दिसंबर के बाद ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन की व्यापार स्थितियां बदलेंगी। दोनों पक्ष औपचारिक रूप से अलग हो जाएंगे। अगर ब्रिटेन में व्यापार को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं बनी तो वह उसके लिए घातक होगा। इसमें यूरोपीय यूनियन का भी बड़ा नुकसान होगा। उल्लेखनीय है कि यूरोपीय यूनियन दुनिया का सबसे बड़ा और संपन्न बाजार है।

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