इमरान को गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रांत का दर्जा देने का नहीं है हक, पाकिस्तानी संविधान से इतर की घोषणा

वर्चुअल ऑनलाइन कार्यक्रम माई वॉयस में अब्बास बट ने कहा भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और उसकी धारा 35 ए को कानूनी तरीके से हटाया लेकिन इमरान ने वह कर दिया जिसकी पाकिस्तान का संविधान इजाजत नहीं देता।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Fri, 06 Nov 2020 09:46 PM (IST) Updated:Fri, 06 Nov 2020 09:46 PM (IST)
इमरान को गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रांत का दर्जा देने का नहीं है हक, पाकिस्तानी संविधान से इतर की घोषणा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की फाइल फोटो

लंदन, एएनआइ। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रांत का दर्जा देने का कानूनी अधिकार नहीं है। उन्होंने ऐसा करके संविधान से इतर कार्य किया है, इस बाबत उनकी अवैध घोषणा निंदनीय है। यह बात कश्मीर नेशनल पार्टी के चेयरमैन अब्बास बट ने कही है।

वर्चुअल ऑनलाइन कार्यक्रम माई वॉयस में अब्बास बट ने कहा, भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और उसकी धारा 35 ए को कानूनी तरीके से हटाया लेकिन इमरान ने वह कर दिया जिसकी पाकिस्तान का संविधान इजाजत नहीं देता। पाकिस्तान का संविधान गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके को प्रांत में तब्दील करने या उसकी स्थिति में किसी तरह के बदलाव की इजाजत नहीं देता। इसलिए प्रधानमंत्री इमरान की घोषणा अवैध है।

डॉ शबीर चौधरी ने इमरान खान के घोषणा की निंदा की

कार्यक्रम में यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी की विदेशी मामलों की समिति के प्रमुख डॉ. शबीर चौधरी ने भी इसी मसले पर इमरान खान की घोषणा की निंदा की। कहा कि पाकिस्तानी संविधान का आर्टिकल 257 कहता है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपनी मर्जी के मुताबिक फैसले लेने का अधिकार है। उनके मामलों में पाकिस्तान दखल नहीं दे सकता। लेकिन प्रधानमंत्री इमरान खान ने कब्जे वाले कश्मीर के इलाके में अपनी मर्जी के मुताबिक गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रांत का दर्जा देने की घोषणा की है। यह घोषणा गैरकानूनी है। वक्ताओं ने पाकिस्तानी संविधान के आर्टिकल 257 में कश्मीर मसले की भ्रमपूर्ण व्याख्या पर भी रोष जताया।

पुलवामा आतंकी हमले पर पाक के कबूलनामे पर यूरोपियन संसद के सदस्यों ने दी तीखी प्रतिक्रिया

वहीं, दूसरी ओर पुलवामा आतंकी हमले में पाकिस्तानी मंत्री के कबूलनामे के बाद यूरोपियन संसद (EU) के सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पुलवामा के साथ ही यूरोप में हुए सभी आतंकी हमलों में पाकिस्तान के संबंधों की जांच की जानी चाहिए। चार यूरोपियन सांसद थेरी मेरियानी, जूली लेचांटेक्स, वर्जिनी जोरोन और फ्रांस जेमेट ने यूरोपियन कमीशन के अध्यक्ष को कड़ी भाषा में पत्र लिखा है।

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