अंटार्कटिका में जमी बर्फ के नीचे मिलीं पर्वत श्रृंखलाएं और तीन गहरी घाटियां

यूरोपीय स्पेस एजेंसी के पोलर गैप प्रोजेक्ट के तहत की गई खोज, बर्फ की चादर से ढके थे पहाड़, तीन गहरी घाटियां मिलीं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 29 May 2018 11:54 AM (IST) Updated:Tue, 29 May 2018 12:27 PM (IST)
अंटार्कटिका में जमी बर्फ के नीचे मिलीं पर्वत श्रृंखलाएं और तीन गहरी घाटियां
अंटार्कटिका में जमी बर्फ के नीचे मिलीं पर्वत श्रृंखलाएं और तीन गहरी घाटियां

लंदन [प्रेट्र]। वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका में जमी बर्फ के नीचे छिपी हुई पर्वत श्रृंखलाओं और तीन गहरी घाटियों की खोज की है। यह यूरोपीय स्पेस एजेंसी के पोलर गैप प्रोजेक्ट के तहत की गई। बर्फ के नीचे ढकी श्रृखंलाओं का पता लगाने के लिए रडार का इस्तेमाल किया गया था।

पृथ्वी की सतह और भीतरी भागों का विश्लेषण करने के लिए सेटेलाइट से एकत्र बहुत से जानकारियां पहले से ही मौजूद हैं, लेकिन दक्षिणी ध्रुव के पास के कुछ क्षेत्र इन सेटेलाइटों के दायरे से बाहर थे। इस क्षेत्र की जांच के लिए पोलर गैप प्रोजेक्ट के तहत वहां की टोपोग्राफी (उस क्षेत्र का प्राकृतिक और कृत्रिम) का पता लगाया गया।

ब्रिटेन स्थित नार्थमब्रीया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है, पर्वत श्रृंखलाएं पूर्व अंटार्कटिका की पिघली हुई बर्फ को पश्चिमी अंटार्कटिका के रास्ते तक पहुंचने से रोक रही हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण बर्फ की चादर अधिक तेजी से पिघलेगी और पानी का प्रवाह तेज होगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि तब खोजी गई तीनों घाटियों के रास्ते से पानी तट तक पहुंचेगा। इससे समुद्र के स्तर में भी इजाफा होगा।

350 किलोमीटर लंबी और 35 किमी चौड़ी फाउंडेशन ट्रॉफ तीनों घाटी में सबसे बड़ी है। इसकी लंबाई लंदन से मैनचेस्टर के बीच की दूरी के बराबर और चौड़ाई न्यूयॉर्क के मैनहट्टन द्वीप से आधी है। पाटक्सेंट खाड़ी की लंबाई 300 किमी और चौड़ाई 15 किमी है, जबकि ऑफसेट रिफ्ट बेसिन 150 किमी लंबी और 30 किमी चौड़ी है।

इस के बाद वैज्ञानिक पता लगा पाएंगे कि पूर्वी अंटार्कटिका में जमी बर्फ पर जलवायु परिवर्तन का पहले क्या प्रभाव पड़ा था और भविष्य में इसका क्या प्रभाव होगा? इससे बर्फ जमने से पहले अंटार्कटिका में पहाड़ और घाटी बनने की प्रक्रिया का भी पता चलेगा।

अंटार्कटिका: बर्फ का एक विशाल रेगिस्तान

अंटार्कटिका को एक रेगिस्तान माना जाता है, क्योंकि यहां का वार्षिक वर्षण केवल 200 मिमी (8 इंच) है और उसमे भी ज्यादातर तटीय क्षेत्रों में ही होता है। यहां का कोई स्थायी निवासी नहीं है लेकिन साल भर लगभग 1,000 से 5,000 लोग विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों जो कि पूरे महाद्वीप पर फैले हैं, पर उपस्थित रहते हैं। यहां सिर्फ शीतानुकूलित पौधे और जीव ही जीवित, रह सकते हैं, जिनमें पेंगुइन, सील, निमेटोड, टार्डीग्रेड, पिस्सू, विभिन्न प्रकार के शैवाल और सूक्ष्मजीव के अलावा टुंड्रा वनस्पति भी शामिल है। औसत रूप से अंटार्कटिका विश्व का सबसे ठंडा, शुष्क और तेज हवाओं वाला महाद्वीप है।

अंटार्कटिका पृथ्वी का दक्षिणतम महाद्वीप है, जिसमें दक्षिणी ध्रुव अंतर्निहित है। यह दक्षिणी गोलार्द्ध के अंटार्कटिक क्षेत्र और लगभग पूरी तरह से अंटार्कटिक वृत के दक्षिण में स्थित है। यह चारों ओर से दक्षिणी महासागर से घिरा हुआ है। अपने 140 लाख वर्ग किलोमीटर (54 लाख वर्ग मील) क्षेत्रफल के साथ यह, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के बाद पृथ्वी का पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है, अंटार्कटिका का 98% भाग औसतन 1.6 किलोमीटर मोटी बर्फ से ढका हुआ है। 

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