एआइ आधारित रोबोट में खुद विकसित हो सकता है पूर्वाग्रह

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता (एआइ)) मशीन अन्य मशीनों से सीखकर, नकलकर या पहचान के जरिये पूर्वाग्रह के लक्षण को भी दिखा सकती है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 11:52 AM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 11:52 AM (IST)
एआइ आधारित रोबोट में खुद विकसित हो सकता है पूर्वाग्रह
एआइ आधारित रोबोट में खुद विकसित हो सकता है पूर्वाग्रह

लंदन [प्रेट्र]। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता (एआइ)) मशीन अन्य मशीनों से सीखकर, नकलकर या पहचान के जरिये पूर्वाग्रह के लक्षण को भी दिखा सकती है। यह बात एक अध्ययन में सामने आई है। ब्रिटेन स्थित कार्डिफ यूनिवर्सिटी और अमेरिका के मेसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के शोधकर्ताओं ने पाया कि दूसरों के प्रति पूर्वाग्रह दिखाने के लिए उच्च स्तर की संज्ञानात्मक क्षमता की जरूरत नहीं है और इसे मशीनों द्वारा आसानी से प्रदर्शित किया जा सकता है।

साइंटिफिक रिपोर्ट्स नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, ऐसा प्रतीत होता है कि पूर्वाग्रह मानव विशिष्ट धारणा है जिसमें किसी खास व्यक्ति या समूह को लेकर कोई राय बनाने के लिए या रूढ़िवादी धारणा के लिए मानव संज्ञान की जरूरत होती है। कार्डिफ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रोजर व्हिटकर के मुताबिक, यह संभव है कि पहचान या विभेद और दूसरों की नकल में सक्षम एआइ मशीनें भविष्य में पूर्वाग्रह की धारणा को लेकर अतिसंवेदनशील हों जो अभी हम इंसानी आबादी में देखते हैं।

हालांकि, कुछ तरह के कंप्यूटर एल्गोरिद्म में सार्वजनिक आंकड़ों और इंसानों द्वारा मिले आंकड़ों जैसे नस्लभेद और लिंगभेद के आधार पर पूर्वाग्रह की बात प्रदर्शित हुई है। शोध से यह संभावना सामने आई है कि एआइ अपने आप ही पूर्वाग्रही समूह विकसित कर सकती है। यह एक चिंताजनक विषय है। 

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