स्पेस में यूएस के खतरनाक मिशन का हिस्सा हैं दूर अंतरिक्ष में तलाशी गई दो अमेरिकी सेटेलाइट

रूस ने दूर अंतरिक्ष में दो अमेरिकी सेटेलाइट को खोजा है। इसके बाद रूस का कहना है अमेरिका ने यह साबित कर दिया है कि स्‍पेस भविष्‍य के युद्ध क्षेत्र के लिए तैयार हो रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Mon, 28 Jan 2019 12:28 PM (IST) Updated:Mon, 28 Jan 2019 12:28 PM (IST)
स्पेस में यूएस के खतरनाक मिशन का हिस्सा हैं दूर अंतरिक्ष में तलाशी गई दो अमेरिकी सेटेलाइट
स्पेस में यूएस के खतरनाक मिशन का हिस्सा हैं दूर अंतरिक्ष में तलाशी गई दो अमेरिकी सेटेलाइट

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। रूस ने आऊटर स्‍पेस में अमेरिका की दो मिलिट्री सेटेलाइट को तलाशा है। इसके बाद रूस ने कहा- अमेरिका ने यह साबित कर दिया है कि अंतरिक्ष नया युद्ध क्षेत्र बन गया है। एस्‍ट्रो कॉस्मिक साइंटिफिक सेंटर के मुताबिक, रूस के सर्विलांस सिस्‍टम ने अमेरिकी सेटेलाइट से अलग हुए दो स्‍पेस व्‍हीकल्‍स को डिटेक्‍ट किया है। इन्‍हें जियोस्‍टेशनरी ऑर्बिट में देखा गया है। यह सब कुछ ऐसे वक्‍त सामने आया है, जब कुछ ही दिन पहले अमेरिका ने अपनी मिसाइल डिफेंस रिव्‍यू को पेश किया था। इस रिपोर्ट के बाद कुछ न कुछ ऐसी बातें सामने आ रही हैं जो अमेरिका और रूस के बीच तनाव की तरफ इशारा कर रही हैं। रूसी दस्‍तावेजों के मुताबिक, यह दो सेटेलाइट USA-285 और USA-286 हैं जो ईगल करियर व्‍हीकल से अलग हुई हैं। आउटर स्‍पेस की जानकारी देने वाले रूस के ऑटोमेटेड वार्निंग सिस्‍टम फॉर हजारडस सिचुवेशन ने इनको तलाश किया है। रूसी अखबार स्‍पू‍तनिक के हाथ लगे दस्‍तावेजों में कहा गया है कि इनको रूस ने बीते वर्ष 23 अप्रैल को तलाश किया था। यह खोज इसलिए बेहद अहम थी क्‍योंकि 14 अप्रैल 2018 को अमेरिका ने एटलस-5 के जरिए दो सेटेलाइट लॉन्‍च किए थे। यह दोनों एयरफोर्स के लिए थे।

आपको बता दें कि हाल ही में अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने मिसाइल डिफेंस रिव्‍यू पेश की थी। यह रिपोर्ट देश के मिसाइल डिफेंस को और अधिक मजबूत करने के लिए तैयार की गई है। इसके तहत जमीन, हवा और अंतरिक्ष के जरिए अपनी सुरक्षा को पुख्‍ता करना है। लेकिन इसकी वजह से अमेरिका, रूस और चीन के बीच गहरी खाई बन गई है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि रूस के विदेश मंत्री ने अमेरिका को चेताया था कि उसकी मिसाइल डिफेंस रिव्‍यू पूरी दुनिया में हथियारों की होड़ को बढ़ाएगी। उन्‍होंने इसको दोबारा स्‍टारवार प्रोग्राम को शुरू करने जैसा है। यह प्रोग्राम पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति रोनाल्‍ड रेगन ने शुरू किया था।

अमेरिका की आंख इस वक्‍त पूरी तरह से अंतरिक्ष पर टिकी है। वह इसके जरिए रूस और चीन दोनों को ही पछाड़ने की कोशिश कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ रूस और चीन भी अंतरिक्ष को अब बदलते रूप में लेने को तैयार हैं। जहां तक अमेरिका की बात है तो वह मानता है कि मौजूदा वक्‍त में तकनीक दुनिया का सबसे घातक हथियार है, जिसको किसी भी सूरत में दरकिनार नहीं किया जा सकता है।

जहां तक अंतरिक्ष के युद्ध क्षेत्र के रूप में उभरने वाली बात है तो इसको लेकर रूस और चीन भी काफी समय से संजीदा है और इस पर काम भी कर रहा है। जहां तक चीन की बात है तो उसने हाल ही में अपनी सुरक्षा नीति में काफी बड़ा बदलाव किया है। इसके अलावा वह भी अंतरिक्ष को लेकर तकनीक विकसित कर रहा है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि भविष्‍य में अंतरिक्ष को युद्ध क्षेत्र के रूप में देखने की चर्चा कोई नई नहीं है। करीब डेढ़ दशक से इसको लेकर चर्चा हो रही है। हालांकि स्‍पेस को किसी भी तरह से युद्ध क्षेत्र न बनाने को लेकर सभी देशों में आम राय और समझौता हो रखा है। लेकिन भविष्‍य को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता है।  

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