Russia Ukraine War: जानें- आखिर रूस जर्मनी और इटली से क्‍यों रूबल में चाहता था गैस का भुगतान, क्‍या न‍िकला समाधान

रूस और यूक्रेन के बीच जारी लड़ाई में दोनों ही पक्षों को खामियाजा उठाना पड़ रहा है। बता दें कि रूस यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था जर्मनी और इटली को गैस की सप्‍लाई करता है। इसके भुगतान को लेकर प‍िछले द‍िनों समस्‍या भी हो गई थी।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Thu, 31 Mar 2022 09:17 AM (IST) Updated:Thu, 31 Mar 2022 09:17 AM (IST)
Russia Ukraine War: जानें- आखिर रूस जर्मनी और इटली से क्‍यों रूबल में चाहता था गैस का भुगतान, क्‍या न‍िकला समाधान
रूस करता है इटली और जर्मनी को गैस की सप्‍लाई (फाइल फोटो एएफपी)

बर्लिन (रायटर्स)। रूस और यूक्रेन के बीच जारी लड़ाई को एक माह से अधिक हो गया है। इस दौरान जहां यूक्रेन को अब तक अरबों डालर का नुकसान हो चुका है वहीं दूसरी तरफ इसका खामियाजा रूस को भी भुगतना पड़ा है। रूस की ही बात करें तो पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की बदौलत रूस के व्यापार को जबरदस्त झटका लगा है। रूस ने पिछले दिनों ही जर्मनी से उसके द्वारा की जा रही गैस सप्लाई की रूबल में पेमेंट करने को कहा था। हालांकि, जर्मनी ने रूस की इस मांग को ठुकरा दिया था। अब दोनों पक्षों में इस पर रजामंदी हो गई है। 

जर्मनी और रूस हुए राजी

एक समझौते के बाद अब जर्मनी और रूस इस बात पर राजी हो गए हैं कि गैस की कीमत का भुगतान पौंड या डालर में ही किया जाएगा। रूस का कहना था कि प्रतिबंधों के चलते वो इस भुगतान को रूबल में ही स्वीकार कर सकता है। किसी भी दूसरी मुद्रा में किए गए भुगतान को अपनी मुद्रा में बदलना रूस के लिए एक बड़ी समस्या हो सकती थी। 1 अप्रेल से इसमें दिक्कत आ सकती थी। लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जर्मनी के चांसलर ओल्फ स्कोल्ज के बीच हुई बातचीत में इसका हल निकल गया है। इसके मुताबिक जर्मनी गैस का भुगतान डालर में करेगा लेकिन गजप्रोम बैंक इस मुद्रा को आसानी से रूबल में बदल देगा। 

गैस की सप्लाई को रोकने की धमकी

जर्मनी के इकनामी मिनिस्टर का कहना है कि रूस की तरफ से रूबल में भुगतान न किए जाने की सूरत में गैस की सप्लाई को रोकने की धमकी दी थी, उसका डर बरकरार है। हालांकि रूस की तरफ से कहा गया है कि वो ऐसा करने से पहले जर्मनी को पूरा समय देगा। आपको बता दें कि रूस और जर्मनी के बीच गैस सप्लाई को लेकर हुए समझौतों के मुताबिक इसका भुगतान डालर या यूरो में ही किया जाएगा। यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि रूस ने जो शर्त जर्मनी के लिए रखी थी वही शर्त इटली के लिए भी थी। 

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