अमेरिका का पाक पर करारा वार, बाल सैनिकों को भर्ती करने वाले देशों की सूची में किया शामिल

अमेरिका ने बाल सैनिक सुरक्षा कानून (Child Soldiers Prevention Act) की एक सूची में 14 देशों के साथ पाकिस्तान को शामिल किया है। यह कानून ऐसे विदेशी सरकारों की पहचान करता है जो उन सशस्त्र संगठनों को बढ़ावा देती है जो बाल लड़ाकों की भर्ती करते हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 02 Jul 2021 09:36 PM (IST) Updated:Fri, 02 Jul 2021 09:58 PM (IST)
अमेरिका का पाक पर करारा वार, बाल सैनिकों को भर्ती करने वाले देशों की सूची में किया शामिल
अमेरिका ने बाल सैनिक सुरक्षा कानून की एक सूची में 14 देशों के साथ पाकिस्तान को शामिल किया है।

वाशिंगटन/इस्‍लामाबाद, पीटीआइ। अमेरिका ने बाल सैनिक सुरक्षा कानून (Child Soldiers Prevention Act) की एक सूची में 14 देशों के साथ पाकिस्तान को शामिल किया है। यह कानून ऐसे विदेशी सरकारों की पहचान करता है जो उन सशस्त्र संगठनों को बढ़ावा देती है जो बाल लड़ाकों की भर्ती करते हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक पाकिस्तान को इस सूची में शामिल किए जाने से उस पर कुछ सुरक्षा सहायता और सैन्य उपकरणों के व्यावसायिक लाइसेंसीकरण पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की वार्षिक टीआईपी (Trafficking in Persons, TIP) सूची में शामिल किए गए देशों में पाकिस्तान, तुर्की, अफगानिस्तान, म्यांमार, कांगो, ईरान, इराक, लीबिया, माली, नाइजीरिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया, वेनेजुएला और यमन शामिल हैं। अमेरिका का बाल सैनिक सुरक्षा कानून व्यक्तियों की तस्करी संबंधी वार्षिक रिपोर्ट में उन विदेशी सरकारों की सूची प्रकाशित करने को बाध्‍य करता है जिन्होंने बीते साल में बाल सैनिकों को भर्ती किया हो या उनका इस्तेमाल किया हो। 

पिछले साल कोविड के चलते केवल 1000 कैडेट ही परेड में शरीक हुए थे। उस बार कोई विदेशी कैडेट शामिल नहीं हो सका था। रक्षा सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पिछले साल लालकिले से एनसीसी को बार्डर इलाकों में आगे बढ़ाने का सुझाव दिया था जिस पर अमल हो रहा है। रक्षामंत्री ने भी एनसीसी की ट्रे¨नग बेहतर करने के लिए एप लांच करने से लेकर कई कदम उठाए हैं।

सनद रहे कि हाल ही में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्‍ट में बरकरार रखा था। एफएटीएफ ने साफ कहा था कि पाकिस्‍तान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी संगठनों और हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे आतंकियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी होगी। यही नहीं पाकिस्तान को आतंकवाद के मसले पर अपनी कमियों को दूर करने के लिए काम करना जारी रखना होगा। एफएटीएफ के प्रमुख मार्कस प्लेयर ने कहा था कि पाकिस्तानी सरकार आतंकी फंडिंग पर लगाम लगा पाने में नाकाम रही है।

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