अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट के दबाव में पाक संसद ने दी कुलभूषण जाधव को बड़ी राहत, अपील करने का दिया अधिकार

पाक जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव जल्द ही सजा-ए-मौत के फैसले के खिलाफ अपील कर सकेंगे। चार साल पहले जासूसी के आरोप में उन्हें सैन्‍य अदालत ने यह सजा सुनाई थी। पाक उच्च सदन ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (रिव्यू एंड री-कन्सीडरेशन) ऑर्डिनेंस 2020 को मंजूरी दी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 17 Nov 2021 05:57 PM (IST) Updated:Wed, 17 Nov 2021 09:31 PM (IST)
अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट के दबाव में पाक संसद ने दी कुलभूषण जाधव को बड़ी राहत, अपील करने का दिया अधिकार
पाक जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव

इस्लामाबाद, प्रेट्र। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की फटकार के बाद पाकिस्तान के हुक्मरानों ने बुधवार को संसद के संयुक्त सत्र में एक कानून पारित किया, जिससे वहां की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सजा के खिलाफ अपील का अधिकार मिल गया।भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त 51 वर्षीय अधिकारी को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जासूसी व आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी।

पाकिस्तान ने जब जाधव को काउंसलर की सुविधा देने से इन्कार कर दिया था, तब भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आइसीजे) का दरवाजा खटखटाया था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जुलाई 2019 में पाकिस्तान को जाधव को काउंसलर सुविधा उपलब्ध कराने तथा सजा की समीक्षा सुनिश्चित कराने का आदेश दिया था।

सीनेट व नेशनल एसेंबली के संयुक्त सत्र में पाकिस्तान के कानून मंत्री एफ. नसीम ने इंटरनेशनल कोर्ट आफ जस्टिस (रिव्यू एंड रीकंसिडरेशन) बिल-2021 पेश किया, ताकि अंतरराष्ट्रीय कानून के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके। इस विधेयक को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। पाकिस्तान के पास जाधव को सुनाई गई सजा की समीक्षा संबंधी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश के अनुपालन का यही रास्ता शेष था।संसद का संयुक्त सत्र ऐसे समय में बुलाया गया, जब सीनेट व नेशनल एसेंबली के बीच गहराई काफी बढ़ चुकी है। नेशनल एसेंबली में तो सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी व उसके सहयोगी दलों का बहुमत है, लेकिन सीनेट में वे अल्पमत में हैं।

इंटरनेशनल कोर्ट आफ जस्टिस (रिव्यू एंड रीकंसिडरेशन) बिल-2021 उन 21 विधेयकों में शामिल था, जिसे जून में नेशनल एसेंबली से तो पास कर दिया गया था, लेकिन सीनेट ने उन पर रोक लगा दी थी। सरकार वर्ष 2019 में विशेष अध्यादेश के जरिये अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने का प्रयास कर चुकी थी। जब सरकार ने अध्यादेश जारी करते हुए जाधव को समीक्षा याचिका दाखिल करने को कहा था, तो उन्होंने इससे इन्कार कर दिया था।

बाद में पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने वर्ष 2020 में रक्षा सचिव के जरिये इस्लामाबाद हाई कोर्ट में जाधव के लिए वकील नियुक्ति करने के उद्देश्य से एक याचिका दाखिल की थी। पांच अक्टूबर, 2021 को मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह नौ दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई से पहले भारत को वकील नियुक्त करने का आग्रह करे।

chat bot
आपका साथी