इमरान सरकार की मुश्किल बने देशद्रोह व भ्रष्‍टाचार के आरोप में फंसे ये तीन बड़े सियासतदान

पाकिस्‍तान की सियासत में कभी इन तीनों दिग्‍गज राजनेताओं की तूती बोलती थी। लेकिन इन दिनों तीनों पर भ्रष्‍टाचार के गंभीर आरोप हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Tue, 03 Dec 2019 02:22 PM (IST) Updated:Wed, 04 Dec 2019 09:27 AM (IST)
इमरान सरकार की मुश्किल बने देशद्रोह व भ्रष्‍टाचार के आरोप में फंसे ये तीन बड़े सियासतदान
इमरान सरकार की मुश्किल बने देशद्रोह व भ्रष्‍टाचार के आरोप में फंसे ये तीन बड़े सियासतदान

नई दिल्‍ली, जागरण स्‍पेशल। पाकिस्‍तान की इमरान सरकार इन दिनों अपने तीन बड़े सियासतदारो से भी तंग है। हालांकि, पाकिस्‍तान की सियासत में कभी इन तीनों दिग्‍गज राजनेताओं की तूती बोलती थी। लेकिन इन दिनों तीनों पर भ्रष्‍टाचार के गंभीर आरोप हैं। एक पूर्व राष्‍ट्रपति पर तो देशद्रोह तक का मुकदमा दर्ज है। मौजूदा समय में ये तीनों नेता एक लंबी बीमारी से जूझ रहे हैं। सभी अदालत की शरण में हैं। इन तीनों पर पाकिस्‍तान हुकूमत की नजर है। आइए जानते हैं उन पाकिस्‍तान के दिग्‍गज नेताओं के बारे में जो पाकिस्‍तान सरकार के साथ लुकाछिपी का खेला खेल रहे हैं। इसमें पहला नाम पाकस्तिान के पूर्व राष्‍ट्रपति आसिफ अली जरदारी का है। दूसरा नाम पूर्व सेना प्रमुख व पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ का है। तीसरा बड़ा पूर्व प्रधानमंत्री नाम नवाज शरीफ। इन तीनों पर भ्रष्‍टाचार एवं देशद्रोह के आरोप हैं। 

आसिफ अली जरदारी पर भ्रष्‍टाचार का आरोप

इसमें पहला पहला नाम आसिफ अली जरदारी का है। इनका जन्‍म 26 जुलाई, 1955 को कराची में सिंध-बलोच में हुआ था। जरदारी पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति रहे और पाकिस्‍तान पीपुल्‍स पार्टी (पीपीपी) के अध्‍यक्ष भी रहे। उनकी पत्‍नी और पाकिस्‍तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्‍या के बाद वे 9 सितंबर, 2008 को वे पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति बने थे। 8 दिसंबर, 1987 को बेनजीर भुट्टो से उनका निकाह हुआ। 1988 में जनरल जिया उल हक की एक विमान दुर्घटना में मौत के बाद बेनजीर भुट्टो पाकिस्‍तान की प्रधानमंत्री बनीं। वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। इसके बाद से जरदारी का राजनीतिक दबदबा बढ़ता गया। ऐसा कहा जाता है कि बेनजीर के दौर में किसी भी प्रोजेक्‍ट को पास करवाने के लिए जरदारी ने अपना कमीशन फ‍िक्‍स किया हुआ था। 1990 के दसक में वह सक्रिय राजनीति में आए और पहली बार जेल में रहते हुए चुनाव जीते।1993 में ही पाकिसतान में चुनाव हुए तो बेनजीर एक बार फिर प्रधानमंत्री बनीं और जरदारी को बड़ी जिम्‍मेदारियां दी गई। वह पहली बार पाकिस्‍तान की कार्यवाहक सरकार में मंत्री बने। 

1996 में बेनजरी सरकार को भ्रष्‍टाचार मुर्तजा भुट्टो की हत्‍या में बर्खाश्‍त कर दिया गया। जरदारी पर मुर्तजा की हत्‍या के अरोप भी लगे हालांकि यह कभी साबित नहीं हो पाया। दुबई जाने की कोशिश में जरदारी को लाहौर में गिरफ्तार कर लिया गया और एक बार फिर वे जेल पहुंच गए। 1998 में स्विस सरकार ने बेनजीर और जरदारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जानकारी पाकिस्‍तान को दी। अगस्‍त 2003 में दोनों को इस मामले में दोषी करार दिया गया और स्विस सरकार ने उन्‍हें छह माह की सजा भी सुनाई। 

परवेज मुशर्रफ एक अज्ञात बीमारी से ग्रसित 

सेवानिवृत्त जनरल परवेज मुशर्रफ 2016 से दुबई में रह रहे हैं। उन पर वर्ष 2007 में संविधान को निलंबित करने के सिलसिले में देशद्रोह का मुकदमा चलाया जा रहा है। इस मामले की सुनवाई 2014 में शुरू हुई थी। अगर वो दो‍षी पाए गए तो उन्‍हें मौत की सजा दी जा सकती है। 2016 में पाकिस्तान छोड़ने के बाद से ही मुशर्रफ को अपराधी घोषित कर दिया गया था। पाकिस्तान की एक विशेष अदालत मुशर्रफ के प्रत्यर्पण के तरीकों पर विचार कर रही है।

बता दें कि सेना के पूर्व प्रमुख अपने इलाज के लिए दुबई गए थे और तब से वह सुरक्षा एवं स्वास्थ्य कारणों से वापस नहीं लौटे। उनकी पार्टी के नेता ने कहा की मुशर्रफ पाकिस्‍तान लौटने को तैयार हैं, लेकिन इस बात की गारंटी दी जाए उनके खिलाफ बगैर पक्षपात के केस चलाया जाएगा। साथ ही उन्हें इलाज के लिए देश से बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी। दुबई में हुए एशिया कप के एक मैच के दौरान मुशर्रफ स्टेडियम में नजर आए थे। आईपीएल के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने 24 सितंबर को उनके साथ की एक तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट की थी।

नवाज शरीफ पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस

पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में पाकिस्‍तान की जेल में सजा काट रहे हैं। हालांकि तबियन बिगड़ने पर लाहौर होई कोर्ट ने 25 अक्‍टूबर को मेडिकल आधार पर उन्‍हें जमानत दी थी। दरअसल, नेशनल अकांडटेबिलिटी ब्‍यूरो ने नवाज शरीफ के खिलाफ दो और मामले दर्ज किए थे। ब्‍यूरो की अदालत ने उनके खिलाफ फैसला सुनाया था। इसकी वजह से नवाज शरीफ सजा काट रहे हैं।

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