इस्लामाबाद एयरपोर्ट में नहीं है कोई बम डिटेक्टर और बम निरोधक दस्ता, PAK मीडिया रिपोर्ट में खुलासा

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इस्लामाबाद अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बेहद संवेदनशील होने के बावजूद वहां म-डिटेक्टर और बम निरोधक दस्ता नहीं है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Fri, 21 Aug 2020 08:28 AM (IST) Updated:Fri, 21 Aug 2020 08:28 AM (IST)
इस्लामाबाद एयरपोर्ट में नहीं है कोई बम डिटेक्टर और बम निरोधक दस्ता, PAK मीडिया रिपोर्ट में खुलासा
इस्लामाबाद एयरपोर्ट में नहीं है कोई बम डिटेक्टर और बम निरोधक दस्ता, PAK मीडिया रिपोर्ट में खुलासा

इस्लामाबाद, एजेंसियां। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इस्लामाबाद अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बेहद संवेदनशील होने के बावजूद वहां बम-डिटेक्टर और बम निरोधक दस्ता ही नहीं है। सूत्रों के अनुसार गुरुवार को पाकिस्तानी अखबार डॉन में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि रीजनल पुलिस अफसर सोहेल हबीब ताजिक ने विगत माह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को इस बात की जानकारी दी है। हालांकि रिपोर्ट में दिलासा देते हुए यह भी बताया गया है कि रावलपिंडी, इस्लामाबाद और अटोक के बीच कम दूरी के कारण किसी भी आपात स्थिति में यहां एयरपोर्ट पर बम निरोधक दस्ता और बचाव दल बहुत ही जल्दी पहुंच सकता है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एयरपोर्ट के पास खोजी कुत्ते भी होने चाहिए। ताजिक के मुताबिक किसी आपात स्थिति में रावलपिंडी से बम निरोधक दस्ता एक घंटे से भी कम समय में पहुंच जाएगा। खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर ताजिक ने इस संबंध में रावलपिंडी के पुलिस अफसर और अटोक के पुलिस अफसर को रिपोर्ट देने को कहा है।

फर्जी लाइसेंस घोटाले में 193 पायलटों को कारण बताओ नोटिस

पाकिस्तान में फर्जी लाइसेंस घोटाले में 193 पायलटों को कारण बताओ नोटिस(Show Cause Notice) जारी किया गया है।एक मीडिया रिपोर्ट में पाकिस्तान के विमानन नियामक के हवाले से बताया गया कि 263 पायलटों की जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद फर्जी लाइसेंस होने के संदेह में 193 पायलटों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

पाकिस्तान में पायलट लाइसेंस घोटाला 22 मई को कराची में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच में सामने आया था। इस दुर्घटना में 97 लोग मारे गए थे। जांच में पता चला कि पाकिस्तान के लगभग एक-तिहाई पायलटों ने परीक्षा में चीटिंग की, लेकिन फिर भी पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (CAA) से उन्हें लाइसेंस दे दिया गया। विमानन मंत्री द्वारा पायलटों के फर्जी दस्तावेजों के बारे में उड्डयन मंत्री के खुलासे के बाद देश के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (CAA) को 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के पायलटों के खिलाफ जांच पूरी करने का काम सौंपा गया था।

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