बढ़ सकती है इमरान खान की परेशानी, पार्टी के संस्थापक सदस्य ने लगाया गंभीर आरोप

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) पार्टी के असंतुष्ट संस्थापक सदस्य अकबर एस बाबर ने इमरान खान पर गंभीर आरोप लगाया है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sun, 24 Nov 2019 07:43 PM (IST) Updated:Sun, 24 Nov 2019 07:43 PM (IST)
बढ़ सकती है इमरान खान की परेशानी, पार्टी के संस्थापक सदस्य ने लगाया गंभीर आरोप
बढ़ सकती है इमरान खान की परेशानी, पार्टी के संस्थापक सदस्य ने लगाया गंभीर आरोप

इस्लामाबाद, आइएएनएस। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) पार्टी के असंतुष्ट संस्थापक सदस्य अकबर एस बाबर ने चुनाव आयोग से विदेशी चंदा मामले की जांच का अनुरोध किया है। इस मांग से तीन दिन पहले ही चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के खिलाफ पांच साल पुराने विदेशी चंदा मामले की सुनवाई रोजाना करने का फैसला किया था।

बाबर ने नवंबर, 2014 में पार्टी को मिले विदेशी चंदे के खिलाफ एक मामला दायर किया था। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि 21 करोड़ रुपये की रकम पार्टी को दो विदेशी कंपनियों से हुंडी के जरिये मिली और बाद में इसे पश्चिम एशिया से पाकिस्तान स्थित खातों में भेजा गया था।

स्क्रूटनी कमेटी के काम में बाधा डालने का आरोप             

एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक शनिवार को पाकिस्तान चुनाव आयोग को दिए अपने छह पन्नों के आवेदन में बाबर ने पीटीआइ पर स्क्रूटनी कमेटी के काम में बाधा डालने का आरोप लगाया है। उन्होंने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि वह पार्टी के बैंक खातों के रिकॉर्ड अपने कब्जे में ले। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी स्क्रूटनी कमेटी को प्रमाणिक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं करा रही। उन्होंने कहा, इस मामले में चुनाव आयोग सात बार सुनवाई कर चुका है और इस संबंध में 16 दिशा-निर्देश जारी कर चुका है, लेकिन खान की पार्टी लगातार उन्हें नजरअंदाज कर रही है।

इमरान को अयोग्य ठहराने के लिए याचिका

न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी के कारण प्रधानमंत्री इमरान खान को अयोग्य ठहराने के लिए लाहौर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ताहिर मकसूद ने खान के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला चलाने की मांग की है। ताहिर ने कहा, प्रधानमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के जजों की आलोचना की है, जो कोर्ट की अवमानना है। न्यायपालिका विरोधी टिप्पणी के लिए 2013 में भी सुप्रीम कोर्ट ने खान को अवमानना नोटिस जारी किया था।

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