बदहाल पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल जारी, जेआई प्रमुख का दावा- देश में लागू हो सकता है मार्शल लॉ

पाकिस्तान जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख सिराजुल हक के हवाले से बताया कि मौजूदा पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) सरकार देश पर बोझ बन गई है। इमरान खान के सत्ता से बेदखल होने के बाद से पड़ोसी मुल्क नकदी संकट से जूझ रहा है। (फोटो SirajOfficial)

By AgencyEdited By: Publish:Sun, 26 Mar 2023 06:19 PM (IST) Updated:Sun, 26 Mar 2023 06:19 PM (IST)
बदहाल पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल जारी, जेआई प्रमुख का दावा- देश में लागू हो सकता है मार्शल लॉ
बदहाल पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल, जेआई प्रमुख का दावा- देश में लागू हो सकता है मार्शल लॉ

इस्लामाबाद, एजेंसी। बदहाल पाकिस्तान में सत्तारूढ़ गठबंधन और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के बीच तनाव के चलते देश में मार्शल लॉ लागू हो सकता है। पाकिस्तान जमात-ए-इस्लामी (JI) के प्रमुख सिराजुल हक ने रविवार को यह बात कही।

नकदी संकट से जूझ रहा पाकिस्तान

पिछले साल अप्रैल में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के सत्ता से बेदखल होने के बाद से पड़ोसी मुल्क नकदी संकट से जूझ रहा है और दिन-प्रतिदिन वहां के हालात असामान्य हो रहे हैं। साथ ही राजनीतिक उथल-पुथल का दौर जारी है।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सिराजुल हक के हवाले से बताया कि मौजूदा पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) सरकार देश पर बोझ बन गई है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन और पीटीआई के बीच तनाव के चलते देश में मार्शल लॉ लागू हो सकता है।

'शांतिपूर्ण प्रदर्शन राजनीतिक दलों का संवैधानिक अधिकार'

इसी बीच सिराजुल हक ने विरोध प्रदर्शनों को दबाने के सरकार के प्रयासों की निंदा की। साथ ही कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन हर राजनीतिक दल का संवैधानिक अधिकार है।

उन्होंने कहा कि सरकार और पाकिस्तान का निर्वाचन आयोग (ECP) चुनाव से भागकर संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्यवाहक पंजाब प्रांतीय सरकार पीडीएम का हिस्सा है।

सिराजुल हक ने कहा कि उनके (कार्यवाहक सरकार के) बयानों से लगता है कि वे लंबे समय तक रहेंगे। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह देश एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया से अस्तित्व में आया है और केवल लोकतांत्रिक तरीके से ही टिका रह सकता है।

संविधान को कमजोर करने वालों का विरोध करेगी जेआई

उन्होंने गंभीर परिणामों की चेतावनी देते हुए एलान किया कि वे संविधान को कमजोर करने वालों का विरोध करेंगे। जेआई प्रमुख ने कहा कि पीपीपी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) सत्ता में आने से पहले मुद्रास्फीति का विरोध कर रहे थे।

'आटे की कतारें बेच रही हैं मौत'

उन्होंने कहा कि मुफ्त गेहूं के आटे की कतारें मौत बेच रही हैं। बुनियादी जरूरतों को एकत्रित करने की दौड़ में 5 गरीबों की मौत हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि पीपीपी, पीएमएल-एन और पीटीआई समेत ये पार्टियां अपने प्रोटोकॉल, भत्तों, लग्जरी कारों और हवेलियों को छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

इसी बीच जेआई प्रमुख ने राजनीतिक मामलों को अदालतों में घसीटने के बजाय संसद में हल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अदालतें अगर अपनी जिम्मेदारी निभा रही होतीं, तो हालात ऐसे नहीं होते।

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