पोलियो की मार से बेहाल हुआ पाकिस्तान, अब तक 72 मामले आए सामने

पाकिस्तान में पोलियो के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हाल ही में दो और बच्चे पोलियो पॉजिटिव पाए जिए है जिसके बाद आंकड़ा बढ़कर 72 हो गया है।

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Sun, 06 Oct 2019 09:37 AM (IST) Updated:Sun, 06 Oct 2019 11:03 AM (IST)
पोलियो की मार से बेहाल हुआ पाकिस्तान, अब तक 72 मामले आए सामने
पोलियो की मार से बेहाल हुआ पाकिस्तान, अब तक 72 मामले आए सामने

इस्लामाबाद, आइएएनएस। पाकिस्तान में पोलियो को मामलों में इस साल बढ़ोतरी देखी गई है। पाकिस्तान में इस साल पोलियो के अबतक 72 मामले सामने आ गए हैं। हाल ही में दो और बच्चे पोलियो पॉजिटिव पाए गए हैं। पाकिस्तानी मीडिया संस्थान डॉन की खबरों के मुताबिक ये दो नए मामले सिंध और बलूचिस्तान में पाए गए है। पूरे देश में सामने आए 72 मामलों में से 53 मामले अकेले खैबर पख्तूनख्वा में सामने आए हैं।  आठ सिंध,  छह बलूचिस्तान और पांच मामले पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से हैं।  

पाकिस्तान और अफगानिस्तान में ही सामने आ रहे मामले 

शविवार को जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि आपातकालीन संचालन केंद्र (EOC) के अधिकारियों ने अगले महीने से जून 2020 तक 'आक्रामक अभियान' की योजना बनाई है। पोलियो पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी सलाहकार समूह (टीएजी) ने कहा है कि खैबर पख्तूनख्वा पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन के प्रयासों का एक प्रमुख अवरोध है। डॉन में छपी खबर के मुताबिक, दुनिया में केवल दो देश हैं, पाकिस्तान और अफगानिस्तान, जहां पोलियो के मामले अभी भी रिपोर्ट किए जाते हैं। डब्ल्यूएचओ द्वारा लगाए गए पोलियो-लिंक्ड ट्रैवल प्रतिबंध के तहत पाकिस्तान उसी में बना हुआ है, जिसके कारण 2014 से यात्रा करने वाले हर व्यक्ति को पोलियो टीकाकरण प्रमाणपत्र लेकर जाना होता है।

 WHO का टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप लेता है जायजा

बता दें कि पोलियो उन्मूलन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन का सक्रिय टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप के सदस्य साल में दो बार ऐसे देशों का दौरा करते हुए  हालात का जायजा लेते हैं जहां अभी तक पोलियो को जड़ से खत्म नहीं किया गया है।   

पॉलियो ड्ऱॉप पिलाने से मना कर रहे परिवार 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बाबर बिन अता को सलाहकार नियुक्त किया गया। जब पोलियो के इतने सारे मामले एक साथ आ गए तो उन्होंने बताया कि हालात ऐसे है कि परिवार अपने बच्चों को दवा पिलाने से बचा रहे है। जब पोलियो कर्मचारी बच्चो को दवा पिलाने के लिए जाते है तो परिवार पहले से ही बच्चों के हाथ पर निशान बना दे रहे हैं। पोलियो कार्यकर्ताओं से कहा जाता है कि  बच्चे ने तो पहले ही दवा पी ली है। 

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