पाक विदेश मंत्री बचाव में उतरे PM अब्बासी, कहा- जो देश नेता का सम्मान न करे, वो आगे नहीं बढ़ सकता

अब्बासी ने कहा कि वह देश जो अपने राजनेताओं का सम्मान नहीं करता, वह कभी प्रगति नहीं कर सकता है।

By Arti YadavEdited By: Publish:Sun, 06 May 2018 02:51 PM (IST) Updated:Sun, 06 May 2018 02:51 PM (IST)
पाक विदेश मंत्री बचाव में उतरे PM अब्बासी, कहा- जो देश नेता का सम्मान न करे, वो आगे नहीं बढ़ सकता
पाक विदेश मंत्री बचाव में उतरे PM अब्बासी, कहा- जो देश नेता का सम्मान न करे, वो आगे नहीं बढ़ सकता

इस्लामाबाद (एएनआइ)। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ की अयोग्यता की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा कि वह देश जो अपने राजनेताओं का सम्मान नहीं करता, वह कभी प्रगति नहीं कर सकता है। जिओ टीवी के अनुसार पाकिस्तान में एक समारोह को संबोधित करते हुए अब्बासी ने कहा कि राजनेताओं को न्यायाधीशों, जनरलों और सरकारी अधिकारियों के समान सम्मान देना चाहिए।

उन्होंने कहा, 'जब देश चलाने और और समस्याओं को हल करने की बात आती है, तो राजनेता सामने आते हैं।' ख्वाजा असिफ को हटाए जाने के अलावा, उन्होंने कहा कि इक्मा के आधार पर अयोग्यता कुछ भी नहीं है। अब्बासी ने कहा कि आसिफ ने बड़ी संख्या में लोगों की सेवा की थी और अगर वे वीजा के आधार पर अपने राजनीतिक नेताओं को अयोग्य घोषित करते हैं तो पाकिस्तान को इससे फायदा नहीं होगा। उन्होंने दावा किया कि इस तरह के फैसले को लोगों द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस्लामाबाद में होने वाले विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए अब्बासी ने कहा कि जनता के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए और अगले पांच वर्षों तक उनका पालन किया जाएगा।

गौरतलब है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के नेता आसिफ पर 2013 के आम चुनाव में भरे गए नामांकन पत्र में संयुक्त अरब अमीरात के वर्क परमिट की जानकारी छिपाने का आरोप था। इस संबंध में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के उम्मीदवार उस्मान डार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। आसिफ ने सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के फैसले अथवा इस संबंध में पाकिस्तान के चुनाव आयोग की ओर से जारी अधिसूचना को रद्द करने का निवेदन किया है। तीन जजों की स्पेशल बेंच ने कहा था कि आसिफ सच्चे और ईमानदार नहीं थे। हाईकोर्ट के इस फैसले पर चुनाव आयोग ने आसिफ की संसद सदस्यता रद्द कर दी थी, जिसके बाद उन्हें विदेश मंत्री पद छोड़ना पड़ा।

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