तंगहाल पाकिस्तान को एडीबी से मिला 2,400 करोड़ का कर्ज, अर्थव्यवस्था सुधारने में मिलेगी मदद

संपन्न देशों के इस फैसले से पाकिस्तान की हालत और ज्यादा खराब हो गई है। एडीबी के प्रमुख लोक प्रबंधन विशेषज्ञ हृणय मुखोपाध्याय ने कहा है कि इस कर्ज से पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था सुधारने में मदद मिलेगी।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 07:34 AM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 07:34 AM (IST)
तंगहाल पाकिस्तान को एडीबी से मिला 2,400 करोड़ का कर्ज, अर्थव्यवस्था सुधारने में मिलेगी मदद
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को मिला एडीबी से लोन। (फोटो: दैनिक जागरण)

इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अपने सबसे बदहाल दौर में है। इसको लेकर पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियां इमरान सरकार को कई बार घेर चुकी हैं। ऐसे वक्त में नकदी के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 30 करोड़ डॉलर (करीब 2,400 करोड़ भारतीय रुपये) का सशर्त ऋण स्वीकृत किया है। इस धनराशि से पाकिस्तान को अपनी आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी। फिलीपींस मुख्यालय वाले एडीबी ने यह निर्णय जी 20 के 14 सदस्य देशों द्वारा पाकिस्तान को कर्ज पर दिए जाने वाले 80 करोड़ डॉलर के माल के सौदों पर रोक लगाने के बाद लिया है।

अगस्त 2020 तक जी 20 के सदस्य देशों का पाकिस्तान पर कुल 25.4 अरब डॉलर (1.88 लाख करोड़ भारतीय रुपये) का बकाया था। जी 20 दुनिया के 20 सर्वाधिक संपन्न देशों का समूह है। इसमें भारत भी शामिल है। संपन्न देशों के इस फैसले से पाकिस्तान की हालत और खराब हो गई है। एडीबी के प्रमुख लोक प्रबंधन विशेषज्ञ हृणय मुखोपाध्याय ने कहा है कि इस कर्ज से पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था सुधारने में मदद मिलेगी।

पाक, अमेरिका ने संयुक्त रूप से किया बौद्ध मठ का जीर्णोद्धार

पाकिस्तान और अमेरिका ने संयुक्त रूप से तख्त-इ-बहि बौद्ध मठ के जीर्णोद्धार का काम पूरा कर लिया है। उत्तर पश्चिम पाकिस्तान में स्थित इस मठ का जीर्णोद्धार सांस्कृतिक संरक्षण परियोजना के तहत किया गया है, जिस पर दो लाख 30 हजार डालर (करीब 1.72 करोड़ रुपये) का खर्च आया है।खैबर पख्तुनख्वा प्रांत के मर्दान में मठ में परियोजना के समापन कार्यक्रम में अमेरिकी महावाणिज्यदूत ग्रेगोरी मैक्रिस वर्चुअल तौर पर शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान स्थित अमेरिकी मिशन स्थानीय पार्टनर के सहयोग से पूरे पाकिस्तान में सांस्कृतिक महत्व के स्थलों का संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह स्थल बौद्ध धर्म के सबसे प्रभावशाली अवशेषों में से एक माना जाता है।

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