भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को दोषी ठहराया

पार्क लेन मामले में जरदारी और उनके बेटे बिलावल भुट्टो पर इस्लामाबाद के पॉश इलाके में अत्यधिक कम कीमत पर 2460 कनाल भूमि खरीदने का आरोप है। वहीं थाटा जलापूर्ति मामले में नियमों को दरकिनार कर एक ठेकेदार को प्रोजेक्ट का अनुबंध देने का आरोप है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Mon, 05 Oct 2020 03:04 PM (IST) Updated:Mon, 05 Oct 2020 03:04 PM (IST)
भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान कोर्ट  ने पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को दोषी ठहराया
पार्क लेन में 19 और थाटा जलापूर्ति मामले में 15 अन्य आरोपी दोषी करार

इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधी अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को पार्क लेन और थाटा जलापूर्ति मामले में दोषी ठहराया है। फैसला सुनाए जाने के दौरान पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह अध्यक्ष जरदारी इस्लामाबाद स्थित अदालत में मौजूद थे। कोर्ट ने पार्क लेन मामले में 19 अन्य आरोपियों और थाटा जलापूर्ति मामले में 15 अन्य को भी दोषी ठहराया है।

अदालत ने पिछले सप्ताह मेगा मनी लांड्रिंग मामले में जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर को दोषी ठहराया था। पार्क लेन मामले में जरदारी और उनके बेटे बिलावल भुट्टो पर इस्लामाबाद के पॉश इलाके में अत्यधिक कम कीमत पर 2,460 कनाल भूमि खरीदने का आरोप है। इसके अलावा थाटा जलापूर्ति मामले में नियमों को दरकिनार कर एक ठेकेदार को प्रोजेक्ट का अनुबंध देने का आरोप है। अदालत ने जरदारी की तीनों मामलों में बरी करने की याचिका खारिज कर दी है। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति को पिछले साल राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने गिरफ्तार किया था और दिसंबर में चिकित्सा आधार पर रिहा किए जाने से पहले महीनों तक जांच की गई थी।

पूर्व राष्ट्रपति पर धन को अवैध तरीके से विदेश भेजने का था मामला

गौरतलब है कि पिछले महीने पाकिस्तान में अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर को मनी लाड्रिंग (धन को अवैध तरीके से विदेश भेजना) मामले में आरोपित किया था। तय मामले के मुताबिक जरदारी ने गलत तरीके से कमाए गए धन को फर्जी बैंक खातों में जमा किया और इसके बाद उसे विदेश भेज दिया। इसके अलावा  अदालत ने ओम्नी ग्रुप के चेयरमैन अनवर मजीद और उनके बेटे अब्दुल गनी मजीद को भी मामले में आरोपित किया था। यह मामला 2018 से चल रहा था और इसमें जरदारी और तालपुर को गिरफ्तार भी किया गया था। कई महीने जेल में रहने के बाद दोनों दिसंबर 2019 में जमानत पर रिहा हुए थे।

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