बौखलाए पाकिस्तान को मिला मोदी विरोधियों के बयानों का सहारा

लोधी ने भारत को 'उलटा चोर कोतवाल को डांटे' के अंदाज में आरोपों के कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Sun, 24 Sep 2017 07:19 PM (IST) Updated:Mon, 25 Sep 2017 02:20 PM (IST)
बौखलाए पाकिस्तान को मिला मोदी विरोधियों के बयानों का सहारा
बौखलाए पाकिस्तान को मिला मोदी विरोधियों के बयानों का सहारा

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। आतंकवाद के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के मंच से भारत के जोरदार जवाब से पाकिस्तान बौखला गया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को पाकिस्तान के दोहरे चेहरे को बेनकाब कर रख दिया था। भारत के प्रहार से उबरने की कोशिश में पाकिस्तान ने सीधे संयुक्त राष्ट्र में तैनात अपनी स्थायी प्रतिनिधि को उतारा। सामान्यत: किसी देश के आरोपों का जवाब 'राइट टू रिप्लाई' के तहत निचले या मध्यम दर्जे के अधिकारी ही देते हैं लेकिन यूएन में पाकिस्तानी दूत मलीहा लोधी आगे आई।

लोधी ने भारत को 'उलटा चोर कोतवाल को डांटे' के अंदाज में आरोपों के कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की। पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने भारतीय लेखिका अरुंधति रॉय के बयानों का सहारा लिया। रॉय ने कहा था कि जो भारत में हो रहा है, वह पूरी तरह आतंक है। कश्मीर व अन्य स्थानों पर भी ऐसा ही हो रहा है। फिर लोधी भारत के कथित धर्मनिरपेक्षतावादियों के उन बोल पर आ गई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फासिस्ट व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ उन्मादी के रूप में चित्रित किए जाते रहे हैं।

उन्होंने भारत के सबसे बड़े राज्य के सीएम के रूप में आदित्यनाथ की नियुक्ति पर भी सवाल उठा दिए। कहा, मोदी सरकार फासिस्ट मानसिकता के तहत काम कर रही है। लोधी आगे बोलीं कि भारत सरकार का नेतृत्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से निकला है जिसपर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप है। हालांकि सुषमा स्वराज ने अपने भाषण में कश्मीर का जिक्र नहीं किया था लेकिन लोधी ने फिर कश्मीर का राग अलापा। आरोप मढ़ा कि भारतीय विदेश मंत्री ने जानबूझकर कश्मीर का नाम नहीं लिया।

लोधी ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत व पाकिस्तान के बीच की स्थिति को खतरनाक स्तर पर पहुंचने से रोकना है तो भारत पर आक्रामक व उकसाने वाली कार्रवाई रोकने को दबाव बनाना होगा। मलीहा के अनुसार संयुक्त राष्ट्र को कश्मीर मसले में दखल देना चाहिए और जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह होना चाहिए। गौरतलब है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की बखिया उधेड़ कर रख दी थी। स्वराज ने कहा था कि भारत व पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए थे। भारत ने अपने यहां एम्स, आइआइटी व आइआइएम जैसे संस्थान बनाए जबकि पाकिस्तान ने लश्कर, जैश जैसे आतंकी संगठन तैयार किए।

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