Pak ने तुर्किये के साथ फिर निभाई दोस्ती, नोबल शांति पुरस्‍कार के लिए राष्‍ट्रपति एर्दोगन के नाम की सिफारिश की

पाकिस्तानी सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजरानी ने सीनेट की ओर से नॉर्वेजियन नोबेल समिति को एक आधिकारिक पत्र लिखा है और तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को यूक्रेनी संघर्ष को हल करने के उनके प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया है।

By AgencyEdited By: Publish:Tue, 31 Jan 2023 04:48 PM (IST) Updated:Tue, 31 Jan 2023 04:48 PM (IST)
Pak ने तुर्किये के साथ फिर निभाई दोस्ती, नोबल शांति पुरस्‍कार के लिए राष्‍ट्रपति एर्दोगन के नाम की सिफारिश की
रेसेप तैयप एर्दोगन पिछले दो दशकों से तुर्किये के निर्विवाद राष्ट्रपति हैं।

इस्लामाबाद, एएनआई। पाकिस्‍तान और तुर्किये के रिश्‍ते किसी से छिपे नहीं हैं। अब पाकिस्‍तान की सीनेट ने तुर्किये के राष्‍ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन का नाम नोबेल शांति पुरस्‍कार के लिए प्रस्‍तावित किया है। पाकिस्तानी सीनेट के अध्यक्ष, सादिक संजरानी ने सीनेट की ओर से नॉर्वेजियन नोबेल समिति को एक आधिकारिक पत्र लिखा है और तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को यूक्रेनी संघर्ष को हल करने के उनके प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया है। जो पाकिस्तान के सीनेट द्वारा निर्णय तर्कसंगत विदेश नीति विकल्प बनाने में अपनी अक्षमता को दर्शाता है।

अल अरबिया पोस्ट ने रिपोर्ट किया कि पाकिस्तान का नामांकन उसकी आर्थिक मंदी और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ 7 बिलियन अमरीकी डालर की विस्तारित निधि सुविधा के लिए पाकिस्तान की नौवीं समीक्षा के बीच आया है। कौन विश्वास करेगा कि गिरती अर्थव्यवस्था के साथ एक विफल राज्य को तुर्किये के एक सत्तावादी शासक के नाम का प्रस्ताव देना चाहिए, जो सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए पाकिस्तान के रूप में अपने देश को आर्थिक रूप से बर्बाद करने के रास्ते पर ले जा रहा है?

पाक-तुर्किये की जोड़ी विश्व स्तर पर भारत विरोधी रुख में सबसे आगे

रेसेप तैयप एर्दोगन पिछले दो दशकों से तुर्किये के निर्विवाद राष्ट्रपति हैं और उन्हें 2024 में आगामी चुनाव का सामना करना पड़ रहा है। यह यूक्रेन संघर्ष में उनकी मध्यस्थता के लिए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने के लिए इस नए प्रस्ताव से सहायता मिलेगी।

पाकिस्तानी सीनेट के अध्यक्ष, सादिक संजरानी ने एर्दोगन को एक सच्चे राजनेता करार देते हुए कहा कि जो हमेशा न केवल अपने देश, बल्कि क्षेत्र और दुनिया की बेहतरी और समृद्धि के लिए प्रयास करते हैं और पवित्र पैगंबर मुहम्मद का सच्चा संदेश लेकर चलते हैं।

बता दें पाक-तुर्किये की जोड़ी विश्व स्तर पर भारत विरोधी रुख में सबसे आगे रही है और किसी भी अन्य देश की तुलना में कश्मीर पर अधिक झूठ को आगे बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है।

नॉर्डिक मॉनिटर की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्किये ने गुप्त रूप से पाकिस्तान को द्विपक्षीय समझौते के तहत एक साइबर-सेना स्थापित करने में मदद की, जिसका उपयोग घरेलू राजनीतिक लक्ष्यों के साथ-साथ अमेरिका और भारत के खिलाफ निर्देशित और पाकिस्तानी शासकों के खिलाफ आलोचना को कम करने के लिए किया जाता है।

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