पाकिस्तान: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह मामले में देरी क्यों

पाकिस्तान सुप्रीमकोर्ट ने पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह के मामले में धीमी चाल पर सरकार से नाराजगी जताई है और इसके कारणों पर जवाब मांगा है।

By Jagran News NetworkEdited By: Publish:Thu, 07 Mar 2019 03:06 PM (IST) Updated:Thu, 07 Mar 2019 03:06 PM (IST)
पाकिस्तान: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह मामले में देरी क्यों
पाकिस्तान: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह मामले में देरी क्यों

इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह के मुकदमे में देरी पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने सरकार से इस संबंध में जवाब मांगा है। इन दिनों दुबई में रह रहे मुशर्रफ के खिलाफ पाकिस्तान में कई मुकदमे चल रहे हैं। इनमें 2007 में संविधान को निलंबित करने पर देशद्रोह का मामला भी शामिल है। नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की सरकार ने 2013 में पूर्व सैन्य शासक के खिलाफ मुकदमा शुरू करने की मंजूरी दी थी, जिस पर 2014 में कार्रवाई शुरू हुई। 2016 में मेडिकल जांच के बहाने मुशर्रफ दुबई (यूएई) चले गए और अब तक स्वदेश नहीं लौटे। इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य व सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है। 

मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा ने पाकिस्तान के अटार्नी जनरल को निजी तौर पर पेश होने का आदेश दिया है और शीर्ष अदालत को बताएं कि मुशर्रफ को वापस लाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। वह लाहौर हाईकोर्ट की रावलपिंडी बेंच बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने याचिका में कहा था कि विशेष अदालत में मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह के मामले में सुनवाई 2016 से इसलिए रुकी हुई है क्योंकि वह देश नहीं लौट रहे हैं।

उनका कहना था कि कोर्ट ने कभी आदेश नहीं दिया कि मुशर्रफ को विदेश भेजो। मुशर्रफ को अदालत ने नहीं सरकार ने विदेश जाने की अनुमति दी है। यदि वह वापस नहीं आ सकते तो उनके बयान स्काइप से दर्ज किए जा सकते हैं। यह सरकार का काम था कि मुशर्रफ को बाहर जाने से रोकती और उसे वापस लाने का काम करती। जस्टिस खोसा ने 15 दिन में अदालत के रजिस्ट्रार से देरी के कारणों पर रिपोर्ट तलब की है और सरकार को नोटिस जारी किए हैं। मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी।

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