संसद में इमरान खान के विश्वासमत हासिल करने के बाद मरियम गरजीं, कहा- पीएम के रूप में इमरान के दिन अब गिने-चुने

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि सीनेट की सीट के चुनाव में हार से इमरान बेनकाब हो गए हैं। विश्वासमत का अब कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि हम जीत चुके हैं और बदलाव का समय आ गया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 01:56 AM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 02:09 AM (IST)
संसद में इमरान खान के विश्वासमत हासिल करने के बाद मरियम गरजीं, कहा- पीएम के रूप में इमरान के दिन अब गिने-चुने
सीनेट की सीट के चुनाव में हार से इमरान बेनकाब हो गए।

इस्लामाबाद, एजेंसियां। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को विपक्षी दलों के बहिष्कार के आह्वान के बीच नेशनल असेंबली (संसद) में विश्वासमत हासिल करने के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की नेता मरयम नवाज ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में इमरान के दिन अब गिने-चुने हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ समय की बात है कि वे कब जाएंगे। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि सीनेट की सीट के चुनाव में हार से इमरान बेनकाब हो गए हैं। विश्वासमत का अब कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि हम जीत चुके हैं और बदलाव का समय आ गया है।

राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के निर्देश पर बुलाए गए विशेष सत्र में विपक्ष ने नहीं लिया हिस्सा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को विपक्षी दलों के बहिष्कार के आह्वान के बीच नेशनल असेंबली (संसद) में विश्वासमत हासिल कर लिया। इमरान को 342 सदस्यीय निचले सदन में 178 वोट मिले। सामान्य बहुमत के लिए 172 वोट की आवश्यकता थी। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के निर्देश पर बुलाए गए विशेष सत्र में विपक्ष ने हिस्सा नहीं लिया, क्योंकि 11 दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने मत विभाजन का बहिष्कार किया था। बता दें कि पीडीएम के उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने बुधवार को सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के उम्मीदवार अब्दुल हाफिज शेख को सीनेट चुनाव में हरा दिया था। खान के लिए यह बड़ा झटका था, जिन्होंने शेख के लिए खुद प्रचार किया था। सरकार पर संकट आने के साथ ही वित्त मंत्री की हार के बाद विपक्षी दलों ने खान के इस्तीफे की मांग की थी।

स्पीकर असद कैसर ने की परिणामों की घोषणा

संसद के स्पीकर असद कैसर ने परिणामों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में हुए आम चुनावों में पीएम को 176 सांसदों का समर्थन हासिल था जबकि आज हुई वोटिंग में उन्हें 178 सांसदों का साथ मिला है। दरअसल, सत्तारूढ़ गठबंधन के 181 सदस्य थे, लेकिन एक सांसद के इस्तीफे के बाद यह संख्या घटकर 180 रह गई। विपक्षी गठबंधन की बात करें तो उसके 160 सांसद हैं। जबकि एक सीट खाली है। पाकिस्तान के डॉन न्यूज के मुताबिक 156 में से 155 पीटीआइ सांसदों ने प्रधानमंत्री के पक्ष में मतदान किया। मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के सात, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू (पीएमएल-क्यू) के पांच और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के तीन, ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलायंस (जीडीए) के तीन और आवामी मुस्लिम लीग और जम्हूरी वतन पार्टी के एक-एक सांसद ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। निर्दलीय उम्मीदवार असलम भोटानी ने भी खान के पक्ष में मतदान किया।

देश में कुशासन के लिए पिछली दो सरकारें जिम्मेदार

विश्वास मत हासिल करने के बाद 68 वर्षीय क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान ने पार्टी सांसदों और सहयोगियों को धन्यवाद दिया। इमरान ने देश की सभी मौजूदा समस्याओं के लिए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पिछली दो सरकारों के कुशासन और कुप्रबंधन के चलते देश समस्याओं से जूझ रहा है। खान ने विपक्षी नेताओं विशेष रूप से पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की भ्रष्टाचार में कथित संलिप्तता और उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश के लिए भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान के इतिहास का सबसे काला दशक था।

इमरान बोले, ईवीएम से कराएंगे चुनाव

खान ने चुनाव में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्ििचत करने के लिए चुनाव सुधार कार्यक्रम लाने की घोषणा की। पारदर्शी चुनाव कराने के लिए उन्होंने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन का भी प्रयोग करने की बात कही। इमरान ने एक बार फिर आरोप लगाया है कि सीनेट चुनाव के दौरान आयोग वोटों की खरीद-फरोख्त रोकने में विफल रहा। उन्होंने कहा कि उन्हें अच्छी तरह से पता था कि वोट खरीदे जा रहे हैं, लेकिन आयोग ने इसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया।

इमरान समर्थकों की विपक्षी नेताओं संग धक्कामुक्की

सदन में शक्ति परीक्षण के पहले संसद भवन के बाहर जमकर धक्कामुक्की हुई। सत्तारूढ़ गठबंधन के समर्थकों ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) से संबंधित विपक्षी नेताओं के एक संवाददाता सम्मेलन को बाधित करने की कोशिश की। हालांकि थोड़ी ही देर बाद सुरक्षा बलों ने दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं को अलग कर दिया।

इमरान के सेना प्रमुख से मिलने पर उठे सवाल

सीनेट चुनाव में हार के बाद सेना और आइएसआइ प्रमुख के साथ बैठक को लेकर विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री इमरान खान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि देश की संवैधानिक संस्थाओं को अपने दायरे में रहना चाहिए। दरअसल, गुरुवार को सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पीएम इमरान खान से मिले थे। डॉन समाचार पत्र के अनुसार बैठक के दौरान आइएसआइ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद भी मौजूद थे। वैसे तो बैठक आंतरिक और बाहर से मिलने वाली चुनौतियों को लेकर थी, लेकिन वार्ता खत्म होने के बाद पीएम कार्यालय द्वारा कोई बयान जारी नहीं किया गया। जबकि आमतौर पर इस तरह की बैठकों की प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाती है।

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