पाक अधिकृत कश्‍मीर व पंजाब में JuD और FIF की संपत्‍ति जब्‍त

लंबे समय से आतंक को समर्थन देने के लिए निंदा का शिकार हो रहे पाकिस्‍तान में जमात-उद-दवा (जेयूडी) व फलह-ए-इंसानियत (एफआइएफ) के खिलाफ कार्रवाई की गयी है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Fri, 09 Mar 2018 05:00 PM (IST) Updated:Fri, 09 Mar 2018 05:00 PM (IST)
पाक अधिकृत कश्‍मीर व पंजाब में JuD और FIF की संपत्‍ति जब्‍त
पाक अधिकृत कश्‍मीर व पंजाब में JuD और FIF की संपत्‍ति जब्‍त

इस्‍लामाबाद (प्रेट्र)। मुंबई हमले के मास्‍टरमाइंड हाफिज सईद का प्रतिबंधित ग्रुप जमात-उद-दवा और इसकी चैरिटी की सभी संपत्‍तियों को पाक अधिकृत कश्‍मीर व गिलगिट बाल्‍टिस्‍तान में जब्‍त कर लिया गया है। इसके अलावा पंजाब में भी इनकी 148 संपत्‍तियों की जब्‍ती हुई है।

गृह सचिव अरशद मिर्जा ने सीनेट कमिटी को बताया कि इस्‍लामाबाद राजधानी क्षेत्र में जमात-उद-दवा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन की अस्‍पताल और डिस्‍पेंसरी समेत तीन अचल संपत्‍तियों को जब्‍त कर लिया गया। एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून के अनुसार, सीनेटर रहमान मलिक की अध्‍यक्षता में बैठक की गयी। मिर्जा ने कमिटी को बताया कि मानवीय संगठन पाकिस्‍तान रेड क्रिसेंट को दोनों ग्रुपों के सात एंबुलेंस को जब्‍त करने का आदेश दिया गया था। इससे पहले कमिटी ने गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से पूछा था कि किस आधार पर पाकिस्‍तान को फिनांशल एक्‍शन टास्‍क फोर्स (एफएटीएफ) के ग्रे लिस्‍ट में रखने पर विचार किया गया है।

मिर्जा ने पैनल को सूचित किया कि लश्‍कर-ए-तैयबा, जेयूडी और एफआइएफ संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित लिस्‍ट में शामिल थे। इसलिए पाकिस्‍तान को इन तीनों पर प्रतिबंध लागू करना चाहिए था। उन्‍होंने आगे कहा, यूएनएससी द्वारा गैरकानूनी करार दिए गए इन तीन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राष्‍ट्रपति के आदेश के तहत आतंक रोधी कानून को भी संशोधित किया गया।

मिर्जा ने आगे बताया कि इनसे जुड़े लोगों के पासपोर्ट को रद कर दिया गया और विदेश जाने पर रोक लगा दी गयी है। इसके साथ ही उनके हथियारों के लाइसेंस भी रद कर दिए गए और उन्‍हें फंड इकट्ठा करने पर रोक लगा दिया गया। मिर्जा ने कहा, अगले हफ्ते फिनांश मिनिस्‍ट्री में एक बैठक होगी जिसमें एफएटीएफ के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस बैठक के दौरान एक रिपोर्टिंग मेकैनिज्‍म बनाया जाएगा जो इन संगठनों से जुड़े एफएटीएफ की मांगों को संतुष्‍ट कर सके।

पेरिस में एफएटीएफ मीटिंग में उन्‍होंने कहा, पाकिस्‍तान को तीन महीने का समय दिया गया है ताकि वह अपना पक्ष पेश कर सके। अंतरराष्‍ट्रीय आरोपों के साथ पाकिस्‍तान पर कुछ आंतरिक आरोप भी हैं। पार्लियामेंट्री पैनल के सांसदों ने आतंकवाद से लड़ने में मौजूदा सरकार की पॉलिसी की कड़ी आलोचना की। वहीं सांसद जहांजेब जमालदिनी ने कहा, अफगानिस्‍तान में पहले और दूसरे युद्ध में पाकिस्‍तान ने एक के बाद एक गलती की। विभिन्‍न नामों के साथ प्रतिबंधित संगठनों को काम करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। सांसद जहांजेब जमालदिनी ने कहा, अफगानिस्‍तान में पहले और दूसरे युद्ध में पाकिस्‍तान ने एक के बाद एक गलती की। विभिन्‍न नामों के साथ प्रतिबंधित संगठनों को काम करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।

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