पाकिस्तान में विपक्ष ही नहीं अपने भी बढ़ा रहे इमरान की मुश्किल, पिछले दिनों सत्तारूढ़ दल की ओर से सरकार पर हुए लगातार हमले

पाकिस्तान में राजनीतिक गतिरोध लगातार जारी है। एक तरफ विपक्ष देश की इमरान खान सरकार पर निशाना साधे हुए है। तो वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) में आंतरिक कलह से प्रधानमंत्री इमरान खान त्रस्त हैं।

By Amit SinghEdited By: Publish:Sun, 16 Jan 2022 07:35 PM (IST) Updated:Sun, 16 Jan 2022 09:40 PM (IST)
पाकिस्तान में विपक्ष ही नहीं अपने भी बढ़ा रहे इमरान की मुश्किल, पिछले दिनों सत्तारूढ़ दल की ओर से सरकार पर हुए लगातार हमले
पार्टी की आंतरिक उथल-पुथल से त्रस्त हुए इमरान खान

इस्लामाबाद, एएनआइ: पाकिस्तान में सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) पार्टी की अंदरूनी कलह से इमरान खान सरकार मुश्किल में है। ऐसे समय में जब एकजुट विपक्ष प्रधानमंत्री इमरान खान को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा, उसी समय उनकी पार्टी के सहयोगी भी सरकार पर हमले करने से बाज नहीं आ रहे। इसी हफ्ते पीटीआइ के दो नेताओं ने अपनी ही संघीय (केंद्रीय) सरकार की नीतियों और प्रदर्शन पर सवाल उठा दिए। कहाकि सरकार के कार्यकलाप से जनता को राहत नहीं मिली है। उनमें से एक नेता ने देश के मौजूदा हालात के लिए इमरान सरकार को ही जिम्मेदार ठहरा दिया।

इमरान की सरकार गिराने की कवायद

इससे पहले पीटीआइ के एक नेता ने सरगोधा में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी से मुलाकात की और उनकी पार्टी में शामिल हो गए। इससे पहले उन्होंने इमरान सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई। सूचना यह भी आ रही है कि इस्लामाबाद में दो दर्जन से ज्यादा पीटीआइ सांसद विभिन्न माध्यमों से विपक्षी दलों के संपर्क में हैं। बीते गुरुवार को रक्षा मंत्री परवेज खटक की भरी बैठक में प्रधानमंत्री इमरान खान से हुई तड़का-भड़की भी चर्चा में है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से आने वाले कद्दावर नेता खटक वहां के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। उन्होंने अपने प्रांत में नैचुरल गैस की किल्लत और कुछ अन्य मसलों पर इमरान से शिकायत की थी लेकिन प्रधानमंत्री का संतोषजनक जवाब न पाकर वह भड़क गए।

विभिन्न मुद्दों पर पार्टी नेता नाराज 

इसके अगले ही दिन पेशावर से पार्टी के सांसद नूर आलम खान ने देश की अपनी सरकार पर गुस्सा निकाला। उन्होंने संसद में अपनी पार्टी की सरकार, प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों को देश में व्याप्त समस्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पीटीआइ नेता समस्याओं से बढ़ रहे जनता के गुस्से को समझ रहे हैं, इसलिए वे सरकार पर दबाव बढ़ा रहे हैं। लेकिन तंगहाली की शिकार सरकार कुछ कर ही नहीं पा रही, इसलिए वे विपक्षी नेताओं की तरह सरकार पर हमला करने से नहीं हिचक रहे। इन नेताओं को लग रहा है कि भविष्य में होने वाले चुनावों में वे जनता के बीच जाकर क्या कहेंगे। क्योंकि पार्टी ने पिछले चुनाव में हालात बदलने के जो वादे किए थे, उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ, उलटे जनता की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

chat bot
आपका साथी