अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के प्रयास, तालिबान के साथ अमेरिका की वार्ता

खलीलजाद ने कहा है कि अप्रैल 2019 में अफगानिस्तान में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले वह किसी समझौते पर पहुंचना चाहते हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 17 Dec 2018 07:43 PM (IST) Updated:Tue, 18 Dec 2018 12:10 AM (IST)
अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के प्रयास, तालिबान के साथ अमेरिका की वार्ता
अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के प्रयास, तालिबान के साथ अमेरिका की वार्ता

इस्लामाबाद, एपी/प्रेट्र। अफगानिस्तान में 17 साल से चल रहे गृहयुद्ध की समाप्ति के प्रयासों के तहत रविवार को तालिबान के साथ अमेरिका, सऊदी अरब, पाकिस्तान और यूएई के अधिकारियों की बैठक हुई। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में यह बैठक सोमवार को भी होगी। यह जानकारी तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने दी है। उन्होंने बैठक का ब्योरा नहीं दिया है। पाकिस्तान ने इस बैठक का स्वागत किया है।

अफगानिस्तान की सरकारी न्यूज एजेंसी बख्तर के निदेशक खलील मीनावी ने इस बैठक की पुष्टि की है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि पाकिस्तान ने यह बैठक आयोजित की थी। इसमें तालिबान के साथ अमेरिका, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और यूएई के अधिकारियों की बातचीत हुई। सोमवार को होने वाली बैठक में अफगानिस्तान सरकार के प्रतिनिधि मौजूद नहीं रहेंगे। रविवार को हुई बैठक में भी अफगानिस्तान सरकार की ओर से मौजूदगी नाम मात्र की ही रही। इससे पहले तालिबान ने अफगानिस्तान सरकार से द्विपक्षीय बात करने से इन्कार कर दिया था। वह अमेरिका के साथ सीधी वार्ता चाहता है, जो अब हो रही है।

अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने इस बैठक की न तो पुष्टि की है और न ही खंडन किया है, लेकिन वाशिंगटन के विशेष शांति दूत जल्मे खलीलजाद पहले ही कह चुके हैं कि अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए बातचीत का सिलसिला जारी है। वर्ष 2001 से जारी अफगानिस्तान युद्ध में अमेरिका के अभी तक एक ट्रिलियन डॉलर (70 लाख करोड़ रुपये) खर्च हो चुके हैं। अमेरिका के लिए यह अभी तक की सबसे लंबी लड़ाई साबित हुई है।

नवंबर में तालिबान की ओर से आए बयान में बताया गया था कि कतर में खलीलजाद से तालिबान की लगातार तीन दिन तक वार्ता हुई। कतर में तालिबान का राजनीतिक कार्यालय है। इसके बाद खलीलजाद ने काबुल जाकर राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात की और तालिबान से वार्ता के लिए एक दल गठित करने का अनुरोध किया।

खलीलजाद ने कहा है कि अप्रैल 2019 में अफगानिस्तान में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले वह किसी समझौते पर पहुंचना चाहते हैं। इस समझौते से अफगानिस्तान के भविष्य का रास्ता तैयार होगा। 

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