APG की बैठक में पाकिस्‍तान पर सवालों की बौछार, जवाब से तय होगा FATF का फैसला

चीन में हुई एशिया पेसेफिक ग्रुप की बैठक में पाकिस्‍तान से कई सवालों के जवाब मांगे गए हैं। इन सवालों का जवाब तय करेगा कि एफएटीएफ क्‍या फैसला लेगा।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Fri, 17 May 2019 05:06 PM (IST) Updated:Fri, 17 May 2019 10:00 PM (IST)
APG की बैठक में पाकिस्‍तान पर सवालों की बौछार, जवाब से तय होगा FATF का फैसला
APG की बैठक में पाकिस्‍तान पर सवालों की बौछार, जवाब से तय होगा FATF का फैसला

इस्‍लामाबाद। मसूद अजहर और फिर हाफिज सईद के साले अब्‍दुल रहमान मक्‍की के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद भी पाकिस्‍तान पर फाइनेंशियल एक्‍शन टास्‍क फोर्स (FATF) एफएटीएफ की तलवार पहले की ही तरह लटकी हुई है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि हाल ही में चीन के गुआंगझू में एशिया पेसेफिक ग्रुप की बैठक हुई थी। इस बैठक में पाकिस्‍तान से आए अधिकारियों से कई तीखे और दो-टूक सवाल पूछे गए थे। इन सवालों के जवाब में पाकिस्‍तान ने आतंकी संगठनों और इससे जुड़े लोगों की संपत्तियों को सीज करने और कार्रवाई करने की जानकारी दी है।

अब फिलहाल में एपीजी ने पाकिस्‍तान से जिन सवालों का जवाब मांगा है उनसे संबंधित लिखित जानकारी मिलने के बाद ही एफएटीएफ पाकिस्‍तान पर अपना अंतिम फैसला सुनाएगा। पाकिस्‍तान की आर्थिक हालत भी इस फैसले पर काफी कुछ निर्भर करेगी। आपको बता दें कि फिलहाल एफएटीएफ ने पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में डाला है। ऐसे में यदि आगामी बैठक में पाकिस्‍तान के जवाब से एफएटीएफ संतुष्‍ट नहीं होता है तो वह इसको काली सूची में डाल देगा, जिससे पाकिस्‍तान में विदेशी निवेश रुक जाएगा।

आपको यहां पर बता दें कि गुआंगझू की बैठक में पाकिस्‍तान के दस सदस्‍यीय दल का नेतृत्‍व वित्‍त सचिव मोहम्‍मद यूनस दाघा ने किया था। यह बैठक दो दिन तक चली जिसमें भारतीय दल भी शामिल था। भारतीय दल ने भी इस बैठक में पाकिस्‍तान से दो-टूक सवाल पूछे थे। पाकिस्‍तान ने इस बैठक में उन तमाम कदमों का जिक्र किया जिसके तहत आतंकियों पर कार्रवाई की गई है।

अब फिलहाल में पाकिस्‍तान के दिए जवाब तय करेंगे कि एफएटीएफ क्‍या फैसला लेगा। आपको यहां पर ये भी बता दें एपीजी ने पाकिस्‍तान का दौरा कर यह जाना था कि आखिर सरकार ने वहां पर आतंकियों पर लगाम लगाने के लिए कितने कारगर उपाय किए हैं। जिस वक्‍त इस संस्‍था ने पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में डाला था तब इसी ग्रुप की जानकारी के बाद ही यह फैसला लिया गया था। एपीजी ने माना था कि पाकिस्‍तान में आतंकियों पर लगाम लगाने के मामले में विभिन्‍न एजेंसियों में कोई तालमेल नहीं है।

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