रोमन कैथोलिक चर्च की आराधना प्रक्रिया में स्थान पाएंगी महिलाएं

महिलाओं को प्रमुखता देने के लिए पोप फ्रांसिस का बड़ा कदम। पोप की व्यवस्था चर्च में यथारूप में लागू करने की कई देशों में परंपरा है। इस व्यवस्था के चलते अब कई रूढि़वादी बिशप अपने अंतर्गत आने वाले चर्चो की आराधना प्रक्रिया में जुड़ने से महिलाओं को नहीं रोक पाएंगे।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 10:13 AM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 10:13 AM (IST)
रोमन कैथोलिक चर्च की आराधना प्रक्रिया में स्थान पाएंगी महिलाएं
रोमन कैथोलिक चर्च की आराधना प्रक्रिया में स्थान पाएंगी महिलाएं

वेटिकन सिटी, रायटर। रोमन कैथोलिक चर्च में महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की दिशा में पोप फ्रांसिस ने सोमवार को बड़ा कदम उठाया। महिलाओं को अब चर्च की आराधना करवाने की प्रक्रिया में शामिल होने का अधिकार होगा।

पोप की व्यवस्था चर्च में यथारूप में लागू करने की कई देशों में परंपरा है। इस व्यवस्था के चलते अब कई रूढि़वादी बिशप अपने अंतर्गत आने वाले चर्चो की आराधना प्रक्रिया में जुड़ने से महिलाओं को नहीं रोक पाएंगे। वेटिकन ने कहा है कि आराधना प्रक्रिया में शामिल महिलाएं आगे बढ़ते हुए किसी दिन पादरी का दर्जा भी प्राप्त करेंगी। महिलाओं के अधिकारों के लिए पक्षधर और न्यूयॉर्क के हॉफस्ट्रा यूनिवर्सिटी में धार्मिक मामलों के प्रोफेसर फिलिस जेगेनो के अनुसार महिलाओं का दर्जा बढ़ाने के लिए उठाया गया यह कदम महत्वपूर्ण है। क्योंकि कई संस्कृतियों में महिलाओं को स्वच्छ नहीं माना जाता है और वे पवित्र स्थानों पर नहीं जा सकती हैं।

स्पि्रटस डोमिनी नाम से जारी पोप के फरमान में कहा गया है कि इससे समाज में स्थिरता आएगी और उस भूमिका को स्वीकार्यता मिलेगी जो महिलाएं काफी पहले से कर रही हैं। पोप फ्रांसिस अपने सुधारवादी कदमों के लिए जाने जाते हैं। अगस्त 2020 में उन्होंने वेटिकन की शीर्ष व्यवस्थाओं के लिए छह महिलाओं को नामित किया था। पोप ने वेटिकन की सरकार में महिला को उप विदेश मंत्री, वेटिकन चर्च का निदेशक, वेटिकन के प्रेस ऑफिस का उप प्रमुख और बिशपों की संस्था में पार्षद में नियुक्त किया था।

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