बिग बैंग के बाद की रासायनिक क्रिया का पहला सुबूत मिला, इसी आयन ने रखी थी ब्रह्माांड की नींव

वैज्ञानिकों ने खोजा ब्रह्माांड में सबसे पहले बने अणु की श्रेणी का आयन। इसी आयन ने रखी थी ब्रह्माांड के वर्तमान स्वरूप के निर्माण की नींव।

By TaniskEdited By: Publish:Thu, 18 Apr 2019 10:46 PM (IST) Updated:Thu, 18 Apr 2019 10:46 PM (IST)
बिग बैंग के बाद की रासायनिक क्रिया का पहला सुबूत मिला, इसी आयन ने रखी थी ब्रह्माांड की नींव
बिग बैंग के बाद की रासायनिक क्रिया का पहला सुबूत मिला, इसी आयन ने रखी थी ब्रह्माांड की नींव

बर्लिन, प्रेट्र। बिग बैंग के बाद जिस रासायनिक क्रिया को ब्रह्मांड के वर्तमान स्वरूप की नींव माना जाता है, उसका पहला प्रमाण मिल गया है। वैज्ञानिकों ने सुदूर अंतरिक्ष में हीलियम हाइड्राइड आयन को खोज निकाला है। माना जाता है कि ब्रह्मांड के विकासक्रम में सबसे पहला अणु यही बना था। इसी ने आगे चलकर आणविक हाइड्रोजन के निर्माण का रास्ता खोला और ब्रह्मांड वर्तमान स्वरूप में आया।

दशकों से वैज्ञानिक अंतरिक्ष में हीलियम हाइड्राइड आयन को खोजने की कोशिश कर रहे हैं। जिस आयन को ब्रह्मांड के निर्माण का मूल कहा जाता है, अंतरिक्ष में कहीं भी उसका प्रमाण नहीं मिलने से ब्रह्मांड निर्माण को लेकर स्थापित पूरे सिद्धांत पर सवालिया निशान लगते रहे हैं। अब एक ग्रह के निकट गैसीय बादल (नेबुला) एनजीसी 7027 में इस आयन का प्रमाण मिला है। फ्लाइंग ऑब्जर्वेटरी 'सोफिया' पर स्थापित फार इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर 'ग्रेट' की मदद से वैज्ञानिकों ने इस आयन को खोजा है। अमेरिका की जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के डेविड न्यूफेल्ड ने कहा, 'हीलियम हाइड्राइड की खोज बेहद अहम है। प्रकृति में अणु निर्माण की व्यवस्था का यह खूबसूरत उदाहरण है।' वैज्ञानिकों का कहना है कि इस आयन के मिलने से दशकों पुरानी खोज का सुखद अंत हुआ है। इससे ब्रह्मांड निर्माण के सिद्धांत पर लगने वाले सवालिया निशान भी हट गए हैं।

कैसे बना ब्रह्मांड?

ब्रह्मांड का लगातार विस्तार हो रहा है। खगोलीय पिंडों के बीच की दूरी बढ़ती जा रही है। विस्तार की इस प्रक्रिया को देखते हुए वैज्ञानिकों का अनुमान है कि करीब 14 अरब साल पहले पूरा ब्रह्मांड एकल इकाई जैसा रहा होगा। उस दौरान एक विस्फोट हुआ और ब्रह्मांड का विस्तार शुरू हुआ। शुरुआत में सब आग के गोले जैसा था। धीरे-धीरे तापमान कम होता गया और ब्रह्मांड वर्तमान स्वरूप में आया। ब्रह्मांड निर्माण के इस सिद्धांत को बिग बैंग थ्योरी कहा जाता है।

रासायनिक क्रिया से पड़ी वर्तमान की नींव

बिग बैंग की घटना से हाइड्रोजन, हीलियम, ड्यूटेरियम और लिथियम जैसे हल्के तत्वों के आयन बने थे। जब ब्रह्मांड का तापमान घटकर 4000 केल्विन से नीचे पहुंचा, तब यही आयन एक-दूसरे से जुड़ने लगे। सबसे पहले हीलियम के आयन ने मुक्त इलेक्ट्रॉन से क्रिया की और एक निष्कि्रय परमाणु बनाया। फिर हीलियम के परमाणु और हाइड्रोजन आयन यानी प्रोटोन के मिलने से हीलियम हाइड्राइड आयन बना। यह ब्रह्मांड का पहला मॉलीक्युलर बॉन्ड यानी आणविक बंध था। इसके बाद हीलियम हाइड्राइड आयन ने न्यूट्रल हाइड्रोजन से क्रिया की। इससे मॉलीक्युलर यानी आणविक हाइड्रोजन के निर्माण का रास्ता खुला। वर्तमान ब्रह्मांड के निर्माण में इसी आणविक हाइड्रोजन की भूमिका मानी जाती है।

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