क्या कोरोना से बचाव में मददगार हो सकता है बीसीजी का टीका अब ब्रिटेन के वैज्ञानिक लगा रहे पता

ब्रिटेन के विशेषज्ञ यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि टीबी की रोकथाम के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला बीसीजी का टीका कोरोना संक्रमण रोकने में कितना मददगार है। ब्रिटेन का यह ट्रायल अंतरराष्ट्रीय ट्रायल का हिस्सा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 11 Oct 2020 05:02 PM (IST) Updated:Mon, 12 Oct 2020 01:09 AM (IST)
क्या कोरोना से बचाव में मददगार हो सकता है बीसीजी का टीका अब ब्रिटेन के वैज्ञानिक लगा रहे पता
ब्रिटेन के वैज्ञानिक पता लगा रहे हैं कि बीसीजी का टीका कोरोना संक्रमण रोकने में कितना मददगार है।

लंदन, रॉयटर। ब्रिटेन के विशेषज्ञ यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि टीबी की रोकथाम के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला बीसीजी का टीका कोरोना संक्रमण रोकने में कितना मददगार है। महामारी से जारी जंग के बीच ब्रिटेन का यह ट्रायल अंतरराष्ट्रीय ट्रायल का हिस्सा है। इसके तहत कुल 20 हजार वालंटियर पर इसका प्रयोग किया जाएगा। परीक्षण के जरिए विशेषज्ञ यह पता लगाने का प्रयास करेंगे कि क्या बीसीजी (बैसिलस कैलमेट-गुएरिन) का टीका कोरोनावायरस के प्रति सुरक्षा दे पाएगा।

इस संबंध में पूर्व में भी कुछ अध्ययन हुए हैं, जिनसे ऐसे संकेत मिले हैं कि बीसीजी के टीके से इंसानी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूती होती है, जो अन्य वायरल बीमारियों को रोकने में भी कारगर है। ब्रिटेन स्थित एक्स्टर यूनिवíसटी के प्रोफेसर जॉन कैंपबेल ने कहा कि सामान्य रूप से हम सभी को यह पता है कि बीसीजी का टीका प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनाता है। यह कोरोना के खिलाफ भी कुछ सुरक्षा प्रदान करता है।

फिलहाल हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या बीसीजी का टीका उन लोगों को संक्रमण से बचा सकता है, जिन्हें कोरोना होने का खतरा है। अगर इसकी पुष्टि हो जाती है तो हम आसानी से उपलब्ध इस टीके का इस्तेमाल फ्रंटलाइन वर्कर्स में कर सकेंगे। ट्रायल में हिस्सा लेने वाले वालंटियर पर वैक्सीन के प्रभाव की एक साल तक निगरानी की जाएगी। इस दौरान यह देखा जाएगा कि वे लोग कोरोना से संक्रमित होते हैं या नहीं।

ब्रिटेन का अध्ययन ऑस्ट्रेलिया के नेतृत्व में चल रहे ट्रायल का एक हिस्सा है, जिसे अप्रैल में शुरू किया गया था। नीदरलैंड, स्पेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में भी इसी तरह का परीक्षण चल रहा है। वैसे भारत में इस टीके के कोरोना संक्रमण में प्रभाव को लेकर पहले ही अध्‍ययन शुरू किया जा चुका है। मुंबई में कोरोना वायरस के खिलाफ बीसीजी वैक्सीन के असर का अध्ययन करने के लिए ट्रायल बीते अगस्‍त में शुरू किया गया था। बता दें कि बीसीजी वैक्सीन आमतौर पर बच्चों को ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) में दी जाती है।

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