रिपोर्ट: पेरू में कोरोना संक्रमित दो गर्भवती महिलाओं के नवजात शिशुओं की रिपोर्ट निगेटिव
लीमा में कोरोना वायरस से संक्रमित दो महिलाओं ने नवजात शिशुओं को जन्म दिया है। अस्पताल में जन्में दोनों बच्चे स्वस्थ्य हैं। दोनों बच्चों की कोरोना की जांच निगेटिव पाई गई है।
लीमा, एजेंसी। पेरू की राजधानी लीमा में कोरोना वायरस से संक्रमित दो महिलाओं ने नवजात शिशुओं को जन्म दिया है। अस्पताल में जन्में दोनों बच्चे स्वस्थ्य हैं। दोनों बच्चों की कोरोना की जांच निगेटिव पाई गई है। लीमा के एक अस्पतात ने बताया कि गर्भवती महिला ने 27 मार्च को एक बच्चे को जन्म दिया और दूसरे बच्चे ने 31 मार्च को जन्म लिया है। लीमा में रेबग्लियाटी अस्पताल ने बताया इससे यह सिद्ध होता है कि नवजात शिशुओं में अपनी मां का संक्रमण नहीं हुआ। अस्पताल ने कहा कि दोनों माताओं का स्वास्थ्य अच्छा है। हालांकि, दोनों अभी भी कोरोना वायरस के लिए उपचार प्राप्त कर रहीं हैं।
वुहान शहर में फरवरी में कोरोना पाजिटिव नौ गर्भवती महिलाओं का परीक्षण
बता दें कि कोरोना महामारी का केंद्र चीन के वुहान शहर में फरवरी में कोरोना पाजिटिव नौ गर्भवती महिलाओं पर इसका परीक्षण किया गया था। इसमें महज एक नवजात की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव पाया गया था। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके कोई ठोस आधार नहीं है कि कोरोना पाजिटिव गर्भवती महिलाओं से इस वायरस का प्रसार नवजात तक पहुंचता हो। यानी मां से बच्चे में इस वायरस के प्रसार के कोई ठोस आधार नहीं दिए गए थे। इसके बाद पेरू की यह रिपोर्ट सामने आई है।
गर्भवती महिलाओं के लिए एक सकारात्मक खबर
इसके बाद यह शोध का विषय था कि कोरोना पाजिटिव मां क्या एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दे सकती है। वैज्ञानिकों एवं चिकित्सकों के लिए यह एक चिंता का विषय था। लेकिन पेरू की यह रिपोर्ट गर्भवती महिलाओं के लिए एक सकारात्मक खबर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना पाजिटिव गर्भवती महिलाओं के लिए अपने बच्चों की देखभाल के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। वह अपने नवजात शिशुओं को सामान्य रूप से स्तनपान करा सकती हैं, बशर्ते कि वे कठोर स्वच्छता बनाए रखें।
पेरू अस्पताल के डॉक्टर कार्लोस अल्ब्रेक्ट ने कहा ने कहा कि महिलाओं को अपने बच्चों के साथ रहने की इजाजत दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एक नई महामारी है और हमारे पास इसका कोई अनुभव नहीं है। उन्होंने कहा कि चीन और इटली के कुछ प्रकाशन हैं जो संक्रमित महिलाओं को स्तनपान की सिफारिश करते हैं। इसमें यह दावा किया गया है कि स्तन के दूध के माध्यम से संक्रमण का प्रसार नहीं होता है।