प्रभावी टीकाकरण के लिए दुनिया के अधिकतर हिस्सों में रेफ्रिजरेशन का अभाव

विशेषज्ञों ने कहा दुनिया के बड़े हिस्से में प्रभावी टीकाकरण के लिए रेफ्रिजरेशन की कमी। अमीर देशों के लिए भी कोरोना की वैक्सीन के लिए कोल्ड चेन बनाना नहीं होगा आसान। सभी लोगों तक टीके की पहुंच बड़ी चुनौती है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 07:36 AM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 07:36 AM (IST)
प्रभावी टीकाकरण के लिए दुनिया के अधिकतर हिस्सों में रेफ्रिजरेशन का अभाव
कोरोना वैक्सीन के लिए कोल्ड चेन बनाए रखना बड़ी चुनौती।

गामपेला, एपी। कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए कोल्ड चेन बनाए रखना दूसरी बड़ी चुनौती बन गई है। वैक्सीन के प्रभाव या गुणवत्ता के लिए उचित तापमान पर रखना होता है अगर बहुत अधिक गर्म तापमान के संपर्क में आने के बाद वैक्सीन को दोबारा ठंडा किया जाए तो वह असरदार नहीं होगी। वैक्सीन की सुरक्षा के लिए कोल्ड चेन मेंटेन करने पर जोर देना होगा।

दुनियाभर में खासकर गरीब और विकासशील देशों में सभी लोगों तक टीके की पहुंच भी कम बड़ी चुनौती नहीं है। हर किसी तक टीके को पहुंचाने और उसे प्रभावी बनाए रखने के लिए कोल्ड चेन की आवश्यकता होगी, जिसका दुनिया के बहुत बड़े हिस्से में अभाव है।

फैक्ट्री से सीरिंज तक, दुनिया के लगभग सभी संभावित कोरोना वैक्सीन को नॉन-स्टॉप रेफ्रिजरेशन की जरूरत होगी ताकि यह सुरक्षित और असरकारक रह सके। लेकिन दुनियाभर की 7.8 अरब आबादी में से तीन अरब लोग ऐसे जगहों पर रहते हैं जहां टीके के लिए पर्याप्त कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था नहीं है।

इसका मतलब है कि दुनियाभर में महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब इससे काफी देर से सुरक्षित हो पाएंगे। कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए कोल्ड चेन बनाना सबसे अमीर देशों के लिए भी आसान नहीं होगा, खासकर उन वैक्सीन के लिए जिनके लिए -70 डिग्री सेल्सियस वाले अल्ट्राकोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता होगी।

बुनियादी ढांचे का विकास हुआ प्रभावितकोरोना वायरस की वजह से इस साल शुरू हुए वैक्सीन विकास के मुकाबले बुनियादी सुविधाओं और और कूलिंग टेक्नॉलजी में निवेश पिछड़ रहा है। महामारी को आठ महीने हो चुके हैं और लॉजिस्टिक्स एक्सपर्ट चेतावनी दे रहे हैं कि प्रभावी टीकाकरण के लिए दुनिया के अधिकतर हिस्सों में रेफ्रिजरेशन का अभाव है।

इनमें से मध्य एशिया के अधिकतर देश, भारत और दक्षिण एशिया, लैटिन अमेरिका और अफ्रीका के कई कोने शामिल हैं।बुरकिना फासो जैसे गरीब देशों के लिए वैक्सीन पाने का सबसे अच्छा मौका विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहल कोवाक्स को लेकर है। इसका लक्ष्य अच्छे वैक्सीन के लिए ऑर्डर देकर गरीब देशों में वितरण है।

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