डेनियल पर्ल हत्या मामला: आरोपियों के बरी किए जाने पर UN ने जताई चिंता

संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख स्टीफन दुजार्रिक का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिकारी ने द वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशियाई ब्यूरो चीफ 38 वर्षीय डेनियल पर्ल के मर्डर के आरोपियों के बरी किए जाने को लेकर चिंता व्यक्त की।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 30 Jan 2021 11:42 AM (IST) Updated:Sat, 30 Jan 2021 11:42 AM (IST)
डेनियल पर्ल हत्या मामला:  आरोपियों के बरी किए जाने पर  UN ने जताई चिंता
डेनियल पर्ल हत्या के आरोपी बरी, UN ने व्यक्त की चिंता

 संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। वर्ष 2002 में डेनियल पर्ल (Daniel Pearl) की निर्मम  हत्या में शामिल आरोपियों के बरी किए जाने पर संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने चिंता जताई और कहा कि इस तरह के अपराधों पर जवाबदेही होनी चाहिए और यह महत्वपूर्ण है।  UN प्रमुख स्टीफन दुजार्रिक के प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह बयान दिया।

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ब्रिटेन मूल के अलकायदा आतंकी अहमद उमर शेख के बरी किए जाने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया और उसकी रिहाई के आदेश दिए। उमर शेख पर डेनियल के अपहरण व हत्या  का आरोप था। द वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशियाई ब्यूरो चीफ 38 वर्षीय डेनियल पर्ल पाकिस्तान गए थे।  कराची में उनका अपहरण कर लिया गया था, जब वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलकायदा के बीच संबंधों पर एक खबर के लिए जानकारी जुटा रहे थे। इसके बाद सिर कलम करके उनकी हत्या कर दी गई थी। ब्रिटेन मूल के अलकायदा आतंकी अहमद उमर शेख और उसके तीन सहयोगियों को इस मामले में दोषी ठहराया गया था और सजा सुनाई गई थी। 

व्हाइट हाउस ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण एवं उनकी हत्या के मामले के आरोपियों को बरी करने के पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ‘नाराजगी’ जताई।  आतंकवाद निरोधक अदालत  की ओर से इन आरोपियों को पहले आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। सिंध सरकार और डेनियल पर्ल के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए याचिकाएं दाखिल की थीं।

पर्ल परिवार के वकील फैसल सिद्दीकी ने बताया कि पर्ल के माता-पिता रूथ और जुडिया पर्ल ने उस फैसले की निंदा की है जो हर जगह पत्रकारों के जीवन को खतरे में डाल देगा। परिवार ने कहा कि  कोर्ट का फैसला पूरी तरह से न्याय का मजाक बनाने जैसा है और इन हत्यारों की रिहाई हर जगह और पाकिस्तान के लोगों के लिए खतरा है। सिद्दीकी ने कहा कि अभियोजन पक्ष के लिए एकमात्र विकल्प शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दाखिल करना है। लेकिन समीक्षा याचिका पर उसी पीठ द्वारा सुनवाई की जाती है, जिससे बहुत कम संभावना है कि वही न्यायाधीश अपने फैसले को पलट देंगेे।  

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