थाईलैंड: कोच सहित सभी 12 बच्चे गुफा से बाहर निकाले गए, जानिए क्यों हुआ 'फुल मास्क' का इस्तेमाल

बच्चों को गुफा से बाहर निकालने के लिए उन्हें गोताखोरी के सामान्य मास्क की बजाय पूरे चेहरा ढकने वाले मास्क पहनाए गए थे।

By Arti YadavEdited By: Publish:Tue, 10 Jul 2018 07:28 AM (IST) Updated:Tue, 10 Jul 2018 06:02 PM (IST)
थाईलैंड: कोच सहित सभी 12 बच्चे गुफा से बाहर निकाले गए, जानिए क्यों हुआ 'फुल मास्क' का इस्तेमाल
थाईलैंड: कोच सहित सभी 12 बच्चे गुफा से बाहर निकाले गए, जानिए क्यों हुआ 'फुल मास्क' का इस्तेमाल

नई दिल्ली (जेएनएन)। थाईलैंड की गुफा में मंगलवार को तीसरे दिन रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में कोच समेत सभी 12 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बच्चों को गुफा से बाहर निकालने के लिए उन्हें गोताखोरी के सामान्य मास्क की बजाय पूरे चेहरा ढकने वाले मास्क पहनाए गए थे ताकि उन्हें कम से कम डर लगे। सामान्य मास्क सिर्फ आंखों और नाक को ढकते हैं।

बाहर लाने से पहले विशेषज्ञ गोताखोरों ने बच्चों को कीचड़ से भरी गुफा से निकलने के लिए तैयार किया। कीचड़ वाले पानी में घुसते समय हर बच्चे के साथ दो गोताखोर थे। बच्चों से एक गाइड रोप के जरिये खुद को आगे की तरफ खींचने के लिए कहा गया। कभी-कभी गोताखोरों को खुद भी उन्हें पकड़कर खींचना पड़ा।

घुमावदार रास्तों से घिसट-घिसटकर चलने और एक मील से ज्यादा दूरी तक चट्टानों पर चलने के बाद बच्चे उस 'चोक स्पॉट' पर पहुंचे जहां एक थाई गोताखोर की मौत हो गई थी। यह एक बेहद संकरा रास्ता है जिसमें पहले सीधी चढ़ाई है और फिर वैसी ही सीधी ढलान। यहां गोताखोरों को अपनी पीठ से टैंक तक उतारने पड़े। लिहाजा अपने टैंकों को खींचने के साथ ही उन्हें यहां बच्चों को भी गाइड करना पड़ा। एक गोताखोर ने बताया कि सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि बच्चे डरें नहीं।

सुबह उठते ही बच्चों ने की मांसाहारी भोजन की फरमाइश
थाइलैंड की गुफा से रविवार को सुरक्षित निकाले गए चारों बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार सुबह सोकर उठने के बाद उन्होंने चावल के साथ सुअर के मांस से बने व्यंजन 'पैड क्रा पाओ' और तुलसी के पत्ते डालकर बनने वाले एक तले हुए व्यंजन की फरमाइश की।

बचाव अभियान के प्रमुख नारोंगसक ओसोत्तनाकोर्न ने बताया, 'डॉक्टरों ने हमें बच्चों के खान-पान को लेकर सावधानी बरतने को कहा है क्योंकि कई दिनों तक भूखे रहने की वजह से वे काफी कमजोर हैं।' मालूम हो कि रविवार को सबसे पहले मॉनखॉल बूनपियम उर्फ मार्क (13) को निकाला गया था। उसके बाद प्रजाक सुथम उर्फ नोट, नत्तावूट थकमसाइ (14) और आखिर में पिपत बोधू उर्फ निक (15) को निकाला गया था। इनमें नत्तावूट थकमसाइ दमे का मरीज है। लिहाजा गुफा से निकलने के तुरंत बाद एंबुलेंस से ले जाने के बजाय उसे गुफा के मुहाने से ही हेलीकॉप्टर के जरिये अस्पताल ले जाया गया था। उसकी छोटी बहन की पहले ही कैंसर से मौत हो चुकी है।

सोमवार तक निकाले जा चुके थे 8 बच्चे
उत्तरी थाइलैंड की बाढ़ग्रस्त थाम लुआंग गुफा में फंसे बच्चों को जांबाज गोताखोरों ने जान पर खेलकर बचा लिया। इससे पहले रविवार को चार बच्चों को सुरक्षित निकाला गया था। इस तरह सोमवार तक आठ बच्चे गुफा से निकाले जा चुके थे। शेष बचे चार बच्चों और उनके सहायक कोच को निकालने के लिए मंगलवार को फिर अभियान चलाया गया। प्रधानमंत्री प्रयुथ चान ओचा ने भी घटनास्थल पहुंचकर बचाव अभियान का जायजा लिया।

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