China Taiwan Tension: ताइवान ने जलडमरू क्षेत्र में सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए अमेरिका का जताया अभार

नवंबर में होने वाले चुनाव के मद्देनजर दक्षिणी ताइवान में शनिवार को एक रैली को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने कहा कि चुनाव में न सिर्फ प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशियों का सामना करना पड़ रहा है बल्कि चीन का दबाव भी झेलना पड़ रहा है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sat, 13 Aug 2022 10:58 PM (IST) Updated:Sat, 13 Aug 2022 10:58 PM (IST)
China Taiwan Tension: ताइवान ने जलडमरू क्षेत्र में सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए अमेरिका का जताया अभार
ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने कहा, सरकार और सेना हर स्थिति से निपटने को तैयार

ताइपे, एजेंसी। ताइवान के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को ताइवान जलडमरू क्षेत्र में सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के उठाए कदमों पर उसका हार्दिक आभार व्यक्त किया। यह जानकारी समाचार एजेंसी रायटर ने दी। 

यूएस इंडो-पैसिफिक कोआर्डिनेटर कर्ट कैंपबेल ने शुक्रवार को कहा था कि चीन ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा पर 'ओवररिएक्ट' किया यानी अतिरिक्त प्रतिक्रिया दी। दरअसल चीन नैंसी की ताइवान यात्रा से नाराज था और उसने ताइवान के नजदीक अपने सबसे बड़े सैन्य अभ्यास को अंजाम दिया। वह ताइवान को अपना हिस्सा मानता रहा है।

चीन का दबाव भी पड़ रहा है झेलना: ताइवान की राष्ट्रपति

ताइवान के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि चीन ने अकारण सैन्य और अर्थव्यवस्था की धमकी थी। इसने वैश्विक स्तर पर ताइवान की एकता और लचीलेपन को और मजबूत किया है। नवंबर में होने वाले चुनाव के मद्देनजर दक्षिणी ताइवान में शनिवार को एक रैली को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने कहा कि चुनाव में न सिर्फ प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशियों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि चीन का दबाव भी झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ताइवानी बहुत उत्साही हैं और स्वतंत्रता से प्यार करते हैं। लोकतंत्र के समर्थन में इतने अच्छे अंतरराष्ट्रीय मित्र ताइवान के साथ आए हैं। यह अच्छी बात है लेकिन चीन ताइवान को धमकाता-डराता रहता है। उन्होंने कहा, 'मैं सभी को आश्वस्त करना चाहूंगी कि हमारी सरकार और सेना हर स्थिति से निपटने को तैयार हैं।'

चीन ने कभी इस द्वीप पर शासन नहीं किया: ताइवान की सरकार

ताइवान की सरकार का कहना है कि पीपुल्स रिपब्लिक आफ के रूप में चीन ने कभी इस द्वीप पर शासन नहीं किया। उसे इस पर दावा करने का कोई अधिकार नहीं है। केवल ताइवान के लोग ही इसका भविष्य तय कर सकते हैं।

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