सिंगापुर: पति के लिंग परिवर्तन कराने के बाद रद कर दी गई शादी, दंपति पहुंचा हाईकोर्ट

सिंगापुर का एक दंपति कानूनी चुनौतियों को झेल रहा है क्योंकि पति के यौन परिवर्तन के बाद अधिकारियों ने उनकी शादी को रद कर दिया है।

By Nancy BajpaiEdited By: Publish:Mon, 02 Apr 2018 01:36 PM (IST) Updated:Mon, 02 Apr 2018 02:39 PM (IST)
सिंगापुर: पति के लिंग परिवर्तन कराने के बाद रद कर दी गई शादी, दंपति पहुंचा हाईकोर्ट
सिंगापुर: पति के लिंग परिवर्तन कराने के बाद रद कर दी गई शादी, दंपति पहुंचा हाईकोर्ट

सिंगापुर (एएफपी)। यौन परिवर्तन कराने के बाद सिंगापुर का एक दंपति कई तरह की चुनौतियों से जूझ रहा है। उनके वकील के मुताबिक सिंगापुर का यह दंपति कानूनी चुनौतियों को झेल रहा है क्योंकि पति के यौन परिवर्तन के बाद अधिकारियों ने उनकी शादी को रद कर दिया है। पिछले साल उनके विवाह को यह कहते हुए रद कर दिया गया कि ऑपरेशन कराए जाने के बाद दोनों पति-पत्नी समान लिंग के हो गए है, जिसे सिंगापुर कानून के तहत अवैध माना जाता है।

समलैंगिकता की ओर अब भी रूढ़िवादी सोच

सिंगापुर कई तरीकों से एक आधुनिक और जीवंत समाज है, लेकिन यहां समलैंगिकता की ओर रुख अभी भी रूढ़िवादी हैं। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंग ने कहा है कि देश अभी भी समान लिंग विवाह के लिए तैयार नहीं है। स्ट्रेट्स टाइम्स अखबार की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2015 में फैथ और ब्राइस वोल्टा ने बतौर पुरुष और महिला शादी की। अखबार ने बताया कि उसके बाद पति फैथ ने यौन परिवर्तन सर्जरी करा ली और उसके बाद उसने अपने राष्ट्रीय पहचान पत्र में बदलाव कर उसमें लिंग के आगे महिला लिखवाया।

दंपति पहुंचा हाईकोर्ट

छह महीने बाद सरकार के विवाह रजिस्ट्रार ने लिंग परिवर्तन पर चर्चा करने के लिए युगल से मुलाकात की और बाद में उन्हें सूचित किया कि उनकी शादी को रद कर दिया जाएगा। रजिस्ट्रार के फैसले को चुनौती देने के लिए दंपति ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दंपत्ति ने अब उच्च न्यायालय से रजिस्ट्रार द्वारा किए गए फैसले की समीक्षा करने की अपील की है।

अधिकारियों ने देश के कानून का दिया हवाला

अधिकारियों ने इस फैसले के लिए देश के कानून का हवाला दिया है, जिसके तरह एक महिला और पुरुष शादी के बंधन को कानूनी मान्यता प्राप्त है। सिंगापुर ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के संबंध में कानून बना रखा है जिसके तहत पुरुषों के बीच यौन संबंध एक आपराधिक कृत्य होता है। हालांकि यह कानून को सक्रिय रूप से लागू नहीं करता है। हालांकि इस बीच युवा पीढ़ी के खुले विचारे और बड़े प्रवासी समुदाय के कारण समलैंगिक अधिकारों की ओर लोगों का समर्थन बढ़ रहा है।

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